असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने बताया कि राज्य में अलग-अलग जगहों से दो हिंदू विरोधियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके साथ राज्य में पहलगाम आतंकी हमले के बाद राज्य में गिरफ्तार किए गए देश विरोधियों का आंकड़ा 97 हो गया है। गिरफ्तार आरोपियों में से एक तिनसुकिया और दूसरा नागांव जिले से पकड़ा गया है।
सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने लिखा कि ‘हिंदू विरोधियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 97 देश विरोधी और हिंदू विरोधी अब तक जेल के सलाखों के पीछे जा चुके हैं।’ सीएम ने बताया कि तिनसुकिया से गिरफ्तार आरोपी ने सोशल मीडिया पर हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। वहीं नागांव से गिरफ्तार आरोपी ने भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इससे पहले एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था। एआईयूडीएफ विधायक पर आरोप है कि उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान का बचाव किया था।
अमीनुल इस्लाम को इस मामले में जमानत मिल गई थी, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद उन्हें फिर से राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। बीती 2 मई को सीएम ने धमकी दी थी कि जो भी असम में पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाएगा, उसकी टांगें तोड़ दी जाएंगी। हाल ही में पंचायत चुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ने लोगों से अपील की थी कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय सेना के लिए दुआएं करें ताकि पाकिस्तानी आतंकवाद की टांग तोड़ी जा सके।
बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था और भारत ने मई की शुरुआत में कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। भारत की कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के शहरों पर हमले की नाकाम कोशिश की थी। हालांकि भारत के आगे उसकी एक न चली। आखिरकार 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम का एलान हो गया।