लोकसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद शशि थरूर का शायराना अंदाज एक बार फिर देखने को मिला, जब उन्होंने अपने भाषण में ‘राम’ के नाम को लेकर भावुक और तीखी टिप्पणी की। थरूर ने कविता और शायरी के माध्यम से अपनी बात रखते हुए कहा कि राजनीति में हिंसा, नफरत और असहिष्णुता को बढ़ावा देकर भगवान राम के नाम को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने राम को मर्यादा, करुणा और न्याय का प्रतीक बताते हुए कहा कि उनके आदर्शों को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना गलत है। थरूर के इस वक्तव्य पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली, वहीं विपक्षी सांसदों ने उनके भाषण की सराहना की। लोकसभा में थरूर का यह शायराना और वैचारिक अंदाज चर्चा का विषय बना रहा।





