पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने 29 फरवरी को नई नेशनल असेंबली का पहला सत्र बुलाने के प्रस्ताव को कथित तौर पर खारिज कर दिया है। स्थानीय मीडिया ने सोमवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
‘जिओ न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राष्ट्रपति ने कार्यवाहक संसदीय मामलों के मंत्रालय के प्रस्ताव को खारिज किया और कहा कि सभी आरक्षित सीट को सत्र बुलाने से पहले आवंटित किया जाएगा, जिसमें नेशनल असेंबली के नवनिर्वाचित सदस्य शपथ लेंगे।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की झुकाव रखने वाले अल्वी 2018 में राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति बनने से पहले वह जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे।
खबर में कहा गया कि राष्ट्रपति के इनकार के बाद नेशनल असेंबली के निवर्तमान स्पीकर राजा परवेज अशरफ ने 29 फरवरी को संसद के निचले सदन का सत्र बुलाने का फैसला किया। यह फैसला नेशनल असेंबली सचिवालय के उन वरिष्ठ अधिकारियों और संवैधानिक विशेषज्ञों के परामर्श का पालन करता है। जिन्होंने राष्ट्रपति के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की।
‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की खबर के मुताबिक, संवैधानिक प्रावधान के अनुसार नेशनल असेंबली की बैठक चुनाव के 21 दिनों के भीतर बुलाई जानी चाहिए। अनुच्छेद 91 के तहत 29 फरवरी को यह आदेश दिया गया है।
अगर नेशनल असेंबली की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार 29 फरवरी को होती है, तो नए स्पीकर का कार्यक्रम शपथ के बाद उसी दिन जारी किया जाएगा। इसके बाद एक मार्च को स्पीकर के चुनाव के लिए कागजात जमा किए जाएंगे और दो मार्च को डिप्टी स्पीकर के साथ स्पीकर का चुनाव किया जाएगा।