Monday, June 16, 2025

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देवभूमि की डेमोग्राफी नहीं बदलने देंगे, कुछ इस अंदाज में मुख्यमंत्री धामी ने बताया विकास का खाका

हमने समान नागरिक संहिता बनाकर संविधान सम्मत काम किया है। किसी वर्ग विशेष नहीं, देवभूमि के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए यह कानून बनाया है। जो लोग यहां की डेमोग्राफी बदलना चाहते हैं, उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे। अगर कोई हिंदुत्व की प्रयोगशाला का आरोप लगाता है तो लगाता रहे। अमर उजाला संवाद उत्तराखंड में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ इसी अंदाज में राज्य के विकास का खाका सामने रखा। हरिद्वार बाईपास स्थित होटल सेफर्ट सरोवर प्रीमियर में आयोजित संवाद उत्तराखंड में सीएम धामी ने प्रदेश के विकास पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वर्णिम कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने जो विकसित भारत का संकल्प दुनिया के सामने रखा है, वो हम सबके लिए लक्ष्य है। राज्य विकसित होंगे तो देश विकसित होगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में चारधाम ऑल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, रोपवे, दून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे जैसी तमाम परियोजनाएं इस बात का सबूत हैं कि विकास कितनी गति से आगे बढ़ रहा है।सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि आने वाले समय में दिल्ली से देहरादून दो से ढाई घंटे में आ सकेंगे, बस कुछ ही महीनों का इंतजार है। देहरादून तक ढाई घंटे का सफर शुरू होने के बाद आने वाली यात्रियों भीड़ के लिए व्यवस्था के सवाल पर सीएम धामी बोले कि ये हमारे लिए चुनौती है। लेकिन हमने रिस्पना-बिंदाल पर 26 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क बनाने की योजना तैयार कर ली है। जो एक तरह से रिंग रोड की तरह काम करेगा। केंद्र सरकार ने भी इसमें हमारे सहयोग की बात की है।
सीएम धामी ने कहा, देश में सतत लक्ष्यों को प्राप्त करने में देवभूमि उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है। उन्होंने कहा कि सभी योजनाएं पूरे देश के लिए एकसमान बनती हैं। हम चाहते हैं कि हमारे लिए अलग योजनाएं बनें। हमारी आबादी 1.25 करोड़ है, लेकिन हमें यहां तीर्थयात्रा, पर्यटन क्षेत्र में आने वाले आठ करोड़ लोगों की व्यवस्था करनी पड़ती है। उन्होंने कहा, तीर्थयात्रियों के लिए राह सुगम होती जा रही है। हेमकुंड साहिब का रोपवे स्वीकृत हो गया है। 45 मिनट में यात्रा पूरी हो जाएगी। केदारनाथ में रोपवे भी स्वीकृत हो चुका।

सीएम धामी ने कहा, प्रधानमंत्री का गंगा मैया से एक रिश्ता है। मैं उनको गंगा पुत्र भी कह सकता हूं। जैसे गंगा मैया ने उन्हें बनारस बुलाया, वैसे ही अपने मायके बुलाया है। उन्होंने कहा, राज्य में छह माह चारधाम यात्रा बंद रहने की वजह से कामकाज ठप रहता था। हमें शीतकाल में काफी संभावनाएं लगी। शीतकालीन गद्दी स्थलों पर इस दौरान पूजा-पाठ लगातार चलते हैं। हमने लोगों को बताया कि इस दौरान वे अपनी यात्रा कर सकते हैं। सीएम ने कहा, सर्दियों के जिन महीनों में कई राज्यों में धूप के दर्शन नहीं होते, उस दौरान उत्तराखंड के पहाड़ों में खूब धूप खिलती है। इसीलिए प्रधानमंत्री मोदी ने घाम तापो पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री धामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हमारे लिए आपदा बहुत बड़ी चुनौती है। बरसात में नदी, नाली, गदेरे उफान पर आ जाते हैं। पहाड़ में एवलांच, भूस्खलन आ जाते हैं। हमारे लिए चुनौती है, लेकिन हमने काम किया। हमने 28 नवंबर 2023 को विश्व आपदा सम्मेलन कराया। आपदा को हम रोक नहीं सकते, लेकिन उसका नुकसान कैसे कम कर सकते हैं इस बात पर उस सम्मेलन में चर्चा हुई। हमारे सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन को सभी ने देखा। यह आपदा का सबसे कामयाब बचाव संबंधी उदाहरण है।

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