राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सभ्यतागत संबंध हजारों साल पुराने हैं। भारत की अपनी पहली राजकीय यात्रा पर आए राष्ट्रपति सुबियांतो का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि बहुलवाद, समावेशिता और कानून के शासन के मूल्य दोनों देशों के लिए समान हैं। इन साझा मूल्यों ने हमारे समकालीन संबंधों को दिशा दी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने मुख्य अतिथि के रूप में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति सुबियांतो को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि 75 साल पहले 1950 में हमारे पहले गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। यह हमारे दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंधों और मजबूत लोकतांत्रिक परंपरा का प्रतिबिंब है। इस बीच उन्होंने सुबियांतो के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में भोज का आयोजन भी किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने भारत और इंडोनेशिया के बीच सहस्राब्दियों पुराने सभ्यतागत संबंधों को भी याद किया। इसमें ओडिशा में मनाई जाने वाली ‘बाली यात्रा’ भी शामिल है, जो प्राचीन काल में भारत से बाली और इंडो-पैसिफिक के अन्य क्षेत्रों में भारतीय नाविकों और व्यापारियों द्वारा की गई यात्राओं की याद दिलाती है। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि समकालीन समय में भारत और इंडोनेशिया के विशाल उभरते बाजार है। भौगोलिक निकटता और आर्थिक संरचनाओं में समानताएं द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के विस्तार की अपार संभावनाएं प्रदान करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और अंतरिक्ष सहयोग उनके द्विपक्षीय संबंधों के महत्वपूर्ण तत्व बनकर उभर रहे हैं।