Saturday, July 27, 2024

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हजारों शिक्षकों की पदोन्नति लटकी

उत्तराखंड शिक्षा निदेशालय और शासन में शिक्षकों की तदर्थ पदोन्नति की अनुमति के शासनादेश की फाइल नहीं मिल रही, जिससे शिक्षकों की वरिष्ठता तय न होने से चार हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति लटक गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, मामले में शिक्षा निदेशालय ने रायपुर थाने और शासन ने पलटन बाजार पुलिस चौकी में फाइल गुम होने का मुकदमा दर्ज कराया है। जिन शिक्षकों को वर्ष 2010 में मौलिक नियुक्ति मिली, वे शिक्षक उनसे वरिष्ठ हो गए। विभाग में हुए इस अन्याय के खिलाफ वह 2012 में हाईकोर्ट चले गए, जबकि तदर्थ पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों का कहना है कि प्रवक्ता 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होती है, जबकि अन्य 50 प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति के पद हैं। शिक्षा विभाग में तदर्थ पदोन्नति और सीधी भर्ती के शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद बना हुआ है। राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित सीधी भर्ती के प्रवक्ताओं के मुताबिक, वर्ष 2005-06 में उनकी नियुक्ति हुई थी। विभाग ने अगस्त 2010 में कुछ शिक्षकों को प्रवक्ता के पद पर मौलिक नियुक्ति दी, जिसमें कुछ शिक्षकों को बैक डेट से वरिष्ठता दे दी।

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