ब्रिटेन के एक नए वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) में 1970 से 1980 के दशक में ब्रिटिश भारतीयों को नस्ली हमलों का सामना करते दिखाया गया है। इसे लेकर लोगों में उस दौर की कटु सच्चाई सामने लाई गई है। इस फिल्म को लेकर लोग काफी दिलचस्पी ले रहे हैं। वृत्तचित्र में आत्मरक्षा के लिए कारों में हॉकी स्टिक ले जाने और पेट्रोल बम जमा करने के वृत्तांतों का भी जिक्र किया गया है। इस वृत्तिचित्र को चैनल-4 पर तीन हिस्सों में प्रसारित किया गया, जिसे देखकर कई भारतवंशियों ने पूर्वजों के साथ हुए बर्ताव पर नाराजगी जाहिर की। वृत्तचित्र शृंखला को ‘डिफियेंस: फाइटिंग द फार राइट’ शीर्षक देकर प्रसारित किया गया। इसमें 1976 से 1981 के बीच बर्बर नस्ली हमलों और हत्याओं की सिलसिलेवार घटनाओं के खिलाफ दक्षिण एशियाई समुदाय के संघर्ष को दिखाया गया है। वृत्तचित्र में अर्काइव फुटेज व प्रत्यक्ष प्रमाणों के साथ यह बताने का प्रयास किया गया है कि ब्रिटिश-भारतीयों ने किस तरह नेशनल फ्रंट जैसे समूहों के नस्लवादी हमलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसका निर्देशन ब्रिटिश-पंजाबी राजेश थिंड ने किया है।