Tuesday, May 20, 2025

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पेगासस पर 29 अप्रैल को ‘सुप्रीम’ सुनवाई, जानें क्या है इस्राइली सॉफ्टवेयर से फोन हैकिंग का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 29 अप्रैल की तारीख तय की है। इन याचिकाओं में पत्रकारों और अन्य नागरिकों की अनधिकृत निगरानी के आरोपों की जांच की मांग की गई है।

पेगासस एक इस्राइली सॉफ्टवेयर है जिसे मोबाइल फोन को हैक कर निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 2021 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि भारत में पत्रकारों, नेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं के फोन की जासूसी की गई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए थे।

2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच के लिए एक तकनीकी समिति और एक निगरानी समिति बनाई थी। तकनीकी समिति में साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक और नेटवर्क विशेषज्ञ – नवीन कुमार चौधरी, प्रभाहरण पी और अश्विन अनिल गुमास्ते शामिल थे। वहीं इस जांच की निगरानी पूर्व न्यायाधीश आर वी रवींद्रन कर रहे थे, जिनकी सहायता पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ संदीप ओबेरॉय कर रहे थे।

मामले में साल 2022 में अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 29 में से पांच मोबाइल फोन में मैलवेयर मिला। लेकिन यह तय नहीं हो पाया कि वह पेगासस था या नहीं। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने जांच में पूरा सहयोग नहीं किया।

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