भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के समक्ष चीन की तरफ से पेश आईएफडी पर रोक लगा दी है। बुधवार को डब्ल्यूटीओ में चीन के नेतृत्व वाले निवेश सुविधा विकास समझौते (आईएफडी) पर रोक लगाने के बाद आई खबर के मुताबिक अब इस प्रस्ताव का उल्लेख अंतिम परिणाम में नहीं होगा। मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के अंतिम परिणाम दस्तावेज के बारे में आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘भारत और दक्षिण अफ्रीका ने डब्ल्यूटीओ में आईएफडी प्रस्ताव पर रोक लगा दी।’ भारत ने कहा कि इस वैश्विक संगठन को केवल व्यापारिक मुद्दों से निपटने पर फोकस करना चाहिए। आईएफडी जैसे समझौते डब्ल्यूटीओ के अनुबंध 4 के अंतर्गत आते हैं। ये बहुपक्षीय समझौतों से संबंधित होते हैं। डब्ल्यूटीओ के अनुसार, विकास के लिए निवेश सुविधा (आईएफडी) की पहल 2017 में शुरू की गई। इसका मकसद मूल रूप से विकासशील और सबसे कम विकसित डब्ल्यूटीओ सदस्यों की मदद करना है। आईएफडी के तहत निवेश और व्यापार के माहौल में सुधार लाना भी है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में निवेश, दैनिक व्यवसाय का संचालन और अपने संचालन का विस्तार आसान बनाने के लिए आईएफडी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे वैश्विक समझौता विकसित करने में मदद मिलती है।