Wednesday, August 6, 2025

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रूस के छाया बेड़े पर कार्रवाई की योजना बना रहीं ब्रिटिश खुफिया एजेंसियां

रूसी विदेशी खुफिया एजेंसी (एसवीआर) ने दावा किया है कि ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियां, नाटो सहयोगियों के साथ मिलकर रूस के छाया बेड़े के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रही हैं। रूस ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा हुआ तो इससे अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में आपदा आ सकती है। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अमेरिका, रूस के ऊर्जा खरीददारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए और उन्हें मजबूर करने के लिए बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

बयान में कहा गया है कि ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों की ये योजना अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में पारिस्थितिकी आपदा ला सकती है। रूसी खुफिया एजेंसियों का कहना है कि ब्रिटेन की सरकार अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन के संकरे इलाकों जैसे जलडमरूमध्य में जानबूझकर जहाजों को दुर्घटनाग्रस्त कर सकती है, इससे रास्ता कुछ समय के लिए बाधित हो जाएगा और पश्चिमी देशों की सेनाओं को मेरीटाइम सुरक्षा और पर्यावरणीय नियमों की आड़ में छोटे जहाजों की जांच का मौका मिल जाएगा। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका और पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों के चलते रूस के लिए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग नियमों के तहत अपना कच्चा तेल बेचना मुश्किल हो गया है। युद्ध के लिए धन जुटाने के लिए रूस का कच्चे तेल की बिक्री करना बेहद जरूरी है। ऐसे में नियमों का पालन किए बिना तेल बेचते रहने और पैसा कमाते रहने के लिए, रूस ने इस छाया बेड़े का निर्माण किया।रूस के छाया बेड़े में पुराने जहाज शामिल हैं, जिनमें से ज़्यादातर तेल टैंकर हैं। इनका इस्तेमाल रूस की सरकार पश्चिमी प्रतिबंधों से बचते हुए गुप्त तरीके से दुनिया भर में तेल निर्यात करने के लिए करती है। ये जहाज अपनी गतिविधियों को छिपाते हैं, बार-बार झंडे बदलते हैं, और फर्जी नामों या मालिकों के नाम से काम करते हैं। इन्हें ही छाया बेड़ा कहा जाता है। इन्हें ट्रैक करना मुश्किल है क्योंकि ये अंतरराष्ट्रीय शिपिंग नियमों के बाहर होते हैं।

इन टैंकर जहाजों में कई जहाज पुराने होते हैं, जिन्हें सेकेंडहैंड खरीदा होता है। पुराने होने के चलते इनमें तेल रिसाव और दुर्घटना की आशंका ज्यादा रहती है। छाया बेड़े के संचालन के कारण कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें तेल रिसाव और समुद्री दुर्घटनाएं शामिल हैं। दिसंबर 2024 में, बेड़े से जुड़े दो जहाजों के कारण काला सागर में तेल का बड़ा रिसाव हुआ, जो इस सदी में इस क्षेत्र की सबसे खराब पर्यावरणीय आपदाओं में से एक थी।

 

 

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