कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बीच ‘अंग्रेजी भाषा’ को लेकर एक बार फिर तीखा टकराव सामने आया है। राहुल गांधी के उस बयान के बाद, जिसमें उन्होंने कहा था कि अंग्रेजी गरीबों के लिए एक मौका है और यह कोई जंजीर नहीं बल्कि एक पुल है। इसपर बीजेपी ने उन्हें घेरा है। बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए पूछा कि राहुल गांधी अंग्रेजी भाषा को गुलामी की तरह क्यों समर्थन दे रहे हैं? राहुल गांधी ने हाल ही में एक पोस्ट में लिखा कि अंग्रेजी भाषा हाशिए पर खड़े लोगों के लिए समानता और अवसर की चाभी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस नहीं चाहते कि गरीब बच्चे अंग्रेजी सीखें क्योंकि वे नहीं चाहते कि वे सवाल पूछें, आगे बढ़ें और बराबरी करें। राहुल के इस बयान पर निशिकांत दुबे ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ये वही विचार हैं, जो 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शामिल थे, जो उनके पिता राजीव गांधी ने पेश की थी।निशिकांत दुबे ने एक्स पर लिखा कि 1986 की नीति में हिंदी को बढ़ावा देने, संस्कृत सिखाने और अंग्रेजी को क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद कराने की बात कही गई थी। यही मूलभूत नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2020 की शिक्षा नीति में भी आगे बढ़ाई गई है। उन्होंने सवाल किया कि जब रूस, चीन, फ्रांस, जापान और कोरिया जैसे देश अपनी भाषाओं पर गर्व करते हैं, तो हम क्यों नहीं? ‘आप गुलामों की तरह अंग्रेज़ी पर क्यों गर्व करते हैं?’ बीजेपी सांसद ने दावा किया कि राहुल गांधी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का विरोध करते हैं, जबकि वह तो लगभग उन्हीं विचारों पर आधारित है, जो उनके पिता की नीति में शामिल थे। उन्होंने 1986 की शिक्षा नीति का स्क्रीनशॉट भी साझा किया, जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं को प्राथमिकता देने, संस्कृत पढ़ाने और हिंदी को संपर्क भाषा के रूप में विकसित करने की बात कही गई थी।