Saturday, December 21, 2024

Top 5 This Week

Related Posts

भारत ने ‘टिकाऊ जीवनशैली’ के लिए किया वैश्विक बदलाव का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र के “भविष्य के शिखर सम्मेलन” में भारत ने शुक्रवार को कहा कि, ‘टिकाऊ जीवनशैली’ अपनाने से जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटा जा सकता है। यही नहीं अगर किफायती समाधान दुनिया के सामने पेश किए जाएं तो वैश्विक सफलता की संभावनाएं भी अधिक होंगी।  शुक्रवार को न्यूयॉर्क में शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में सचिव लीला नंदन ने कहा कि ‘जलवायु परिवर्तन पर अक्सर चर्चा केवल कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने पर केंद्रित होती है। लेकिन अगर हम विश्व के सामने अपने निर्यण थोपने की जगह किफायती समाधान पेश करते हैं, तो हमारे सफल होने की संभावना अधिक है।’  अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के एक अनुमान का हवाला देते हुए लीला नंदन ने कहा, ‘अगर हम ऊर्जा की बचत, पानी की बचत, अपशिष्ट को कम करने, ई-कचरे को कम करने, टिकाऊ खाद्य प्रणालियों को अपनाने पर काम करते हैं, तो हम 2030 तक वार्षिक वैश्विक उत्सर्जन में 2 बिलियन टन की कमी ला सकते हैं।’  उन्होंने कहा, ‘यह एक ऐसा महत्वपूर्ण कदम है जो वास्तव में जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे सामने आने वाली कई समस्याओं का समाधान पेश करेगा। ‘

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में सचिव ने कहा कि, ‘इस साल की शुरुआत में केन्या के नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा (यूएनईए) के छठे सत्र में टिकाऊ जीवन शैली पर भारत के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपनाया गया था। भारत में दस लाख से अधिक स्कूल अब इको-क्लबों से जुड़े हैं जिनका उद्देश्य टिकाऊ जीवन शैली के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।’

अपने संबोधन में लीला नदंन ने बताया कि, इन इको-क्लबों के माध्यम से सामान्य रूप से पर्यावरण को लेकर संवेदनशीलता वास्तविक समय के आधार पर हो रही है। उन्होंने अनुमान लगाया कि 2047 तक भारत में स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में 30 से 35 मिलियन नौकरियां पैदा हो सकती हैं।

नंदन ने कहा कि, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना में अग्रणी भूमिका निभाई है। ये उभरते हुए क्षेत्र हैं। ये आने वाले समय के क्षेत्र हैं। हमें स्कूली स्तर पर पाठ्यक्रम में सही तकनीकी शिक्षा लाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, ताकि युवा उन क्षेत्रों में सफल और स्थायी रोजगार प्राप्त कर सकें जो स्वाभाविक रूप से हरित हैं।

Popular Articles