असम पुलिस की एक टीम वजाहत खान के लिए गिरफ्तारी वारंट लेकर कोलकाता पहुंच गई है। वजाहत खान की शिकायत पर ही सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने बताया कि वजाहत को सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले भाषण और अपमानजनक टिप्पणियों वाले पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है। उस पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है। हालांकि, वह फिलहाल फरार बताया जा रहा है।
असम पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में उसके खिलाफ मामला दर्ज किया था। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने भी श्री राम स्वाभिमान परिषद नामक एक ट्रस्ट की शिकायत के आधार पर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया है। जब पुलिस टीम वहां गई तो वह अपने कोलकाता स्थित घर पर नहीं मिला। उस पर अन्य राज्यों में भी कई मामले दर्ज हैं।
वजाहत खान ने कानून की पढ़ाई कर रही पनोली पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करने का आरोप लगाया था, जिसमें कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया था और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया था कि उन्होंने सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला वीडियो अपलोड करने के आरोप में 22 वर्षीय महिला इन्फ्लुएंसर को अवैध रूप से गिरफ्तार किया। पुलिस ने दावा किया था कि शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी का बचाव करते हुए कहा कि मामले की उचित जांच की गई और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया।
इससे पहले कोलकाता पुलिस ने कथित तौर पर सांप्रदायिक टिप्पणियों वाला एक वीडियो अपलोड करने के लिए महिला को गिरफ्तार किया था, जिसमें दावा किया गया था कि बॉलीवुड अभिनेता ऑपरेशन सिंदूर पर चुप थे। कोलकाता पुलिस ने कहा, ‘कुछ सोशल मीडिया अकाउंट गलत सूचना फैला रहे हैं कि कोलकाता पुलिस ने पाकिस्तान का विरोध करने के लिए एक कानून की छात्रा को अवैध रूप से गिरफ्तार किया है। यह कहानी शरारती और भ्रामक है।’
महिला के खिलाफ 15 मई को गार्डन रीच पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उसने एक वीडियो पोस्ट किया था, जो भारत के नागरिकों के एक वर्ग की धार्मिक आस्था का अपमान करता है और विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य और घृणा को बढ़ावा देता है। मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की उचित धारा के तहत दर्ज किया गया था। आरोपी महिला पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करने, जानबूझकर अपमान करने, शांति भंग करने के लिए उकसाने के अलावा संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद गुड़गाव से उसकी गिरफ्तारी हुई। फिर उसे कोलकाता लाया गया। यहां की एक अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज की और 13 जून तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।