Saturday, November 15, 2025

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विश्व धरोहर ‘फूलों की घाटी’ सीजन के लिए हुई बंद, इस साल घटे पर्यटक, प्रकृति प्रेमियों ने जताई चिंता

चमोली। विश्व धरोहर स्थल ‘फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान’ को आज से इस वर्ष के लिए बंद कर दिया गया है। हर साल की तरह इस बार भी घाटी को सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही पर्यटकों के लिए बंद किया गया है। हालांकि, इस बार घाटी में आने वाले सैलानियों की संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट दर्ज की गई है।

वन विभाग के अनुसार, 1 जून से 31 अक्टूबर तक खुले रहने वाली इस घाटी में इस वर्ष देश-विदेश से करीब 18 हजार पर्यटक पहुंचे, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 25 हजार से अधिक थी। पर्यटक संख्या में कमी का कारण मौसम की अनिश्चितता, रास्तों में भूस्खलन और आवासीय सुविधाओं की सीमित उपलब्धता को बताया जा रहा है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित ‘फूलों की घाटी’ अपनी रंग-बिरंगी वनस्पतियों, दुर्लभ फूलों और अनोखी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। इसे वर्ष 2005 में यूनेस्को ने विश्व प्राकृतिक धरोहर स्थल का दर्जा दिया था। हर साल मानसून के मौसम में यहां सैकड़ों प्रजातियों के जंगली फूल खिलते हैं, जो घाटी को प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत दृश्य बना देते हैं।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि घाटी को अब पूरी तरह से सील कर दिया गया है ताकि बर्फबारी और ठंड के दौरान वन्यजीवों और वनस्पतियों को संरक्षित किया जा सके। पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नवंबर से मई तक प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।

अधिकारियों के अनुसार, इस सीजन के दौरान करीब 12 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ा कम है। विभाग अगले सीजन में पर्यटकों की सुविधा और प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान देने की योजना बना रहा है।

प्रकृति प्रेमियों और स्थानीय गाइडों का कहना है कि घाटी की लोकप्रियता बनाए रखने के लिए पर्यावरणीय संतुलन और आधारभूत सुविधाओं के विकास पर समान रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है।

अब अगले वर्ष जून में जब फिर से ‘फूलों की घाटी’ अपने द्वार खोलेगी, तो प्रकृति प्रेमी एक बार फिर हिमालय की गोद में रंगों और खुशबुओं की उस जादुई दुनिया का आनंद ले सकेंगे।

 

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