केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में श्रीलाल शुक्ल के उपन्यास राग दरबारी के बहाने कांग्रेस शासनकाल में किसानों की बेचारगी पर प्रमुख विपक्षी दल को घेरा। शिवराज ने कहा, राग दरबारी के पात्र लंगड़ के दर्द को कांग्रेस कभी समझ न सकी। उसे समझा तो पीएम नरेंद्र मोदी ने। लंगड़ ने तहसील, विभाग और अफसरों के कई चक्कर काट लिए, मगर उसे अपने खेत की नकल नहीं मिली। मोदी सरकार ने तकलीफ को समझा और डिजिटल कृषि मिशन से इसका समाधान दिया। शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा कि अब उनकी खेती की जमीन, खसरा नंबर, सदस्यों और पशुओं की संख्या, बागवानी जैसी सभी जानकारी एक जगह मिल रही है। किसान पहचान पत्र दिया, जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का आसान माध्यम है। डिजिटल क्रांति का ही असर है कि आज पीएम एक बटन दबाकर 9.8 करोड़ किसानों के खाते में सीधे 22 हजार करोड़ रुपये पहुंचा देते हैं। पीएम फसल बीमा योजना में 7,708 लाख किसानों को बीमा कवर मिला और 1,74432 करोड़ का भुगतान किया गया है। भाजपा सांसद तेजवीर सिंह ने पूछा कि क्या यूपीए शासनकाल में डिजिटल कृषि योजना थी। शिवराज ने कहा, अगर योजना होती, तो लंगड़ न होता। जिन्होंने राज किया किसानों की तकलीफ को कभी नहीं समझा। शिवराज ने कहा कि किसानों को चने की फसल का उचित मूल्य मिल सके, इसलिए इस पर 10 फीसदी आयात शुल्क लगाया जा रहा है। मोदी सरकार कभी किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करती। किसानों के लाभ के लिए पीएम ने सम्मान निधि, कम ब्याज दर पर कर्ज मिलना सुनिश्चित किया। कर्ज की राशि तीन लाख से बढ़ाकर 5 लाख की है। 2 लाख 54 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी दी है। सिंचाई को लेकर सूक्ष्म सिंचाई योजना में आकर्षक सब्सिडी दी जा रही है। लागत पर 50% से ज्यादा मुनाफा देकर एमएसपी निर्धारित की जा रही है।