Friday, June 20, 2025

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भारतीय दवा कंपनियों पर पेटेंट नकल को पीयूष गोयल ने बताया झूठा, बोले- भारत के बारे में फैलाई जा रहीं गलत बातें

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने स्विट्जरलैंड की दवा कंपनियों की तरफ से भारतीय दवा कंपनियों पर उनके पेटेंट की नकल करने के आरोप को पूरी तरह से निराधार बताया। उन्होंने कहा कि भारत के बारे में इस प्रकार की गलत बातें फैलाई जा रही हैं। भारत उल्टा विदेशी कंपनियों के लिए नियम पालन के भार को कम कर रहा है।

मंगलवार को बर्न में उद्यमियों और निवेशकों को संबोधन के बाद गोयल ने कहा कि स्विट्जरलैंड की दवा कंपनियों के साथ उनकी लगातार बैठक चल रही है और ये कंपनियां भारत में दवा निर्माण के लिए काफी उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा कि भारत की कोई भी कंपनी अगर पेटेंट की नकल या चोरी करती है तो उसके खिलाफ सख्ती की जाएगी।यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एफ्टा) के चार देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर इस साल सितंबर या अक्टूबर से अमल शुरू होने के बाद स्विट्जरलैंड से दवा निर्माण के कच्चे माल के निर्यात में बढ़ोतरी हो जाएगी।

चीन के बाद स्विट्जरलैंड दवा निर्माण से जुड़े कच्चे माल का बड़ा सप्लायर है। शुल्क में छूट मिलने से अब भारत की दवा कंपनियां चीन की जगह स्विट्जरलैंड से कच्चे माल का आयात करना पसंद करेंगी।

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव के तहत अब भारत में काफी अधिक दवा के कच्चे माल का निर्माण होने लगा है। भारत के दवा निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिसे देखते हुए स्विट्जरलैंड की दवा कंपनियां अब भारत में दवा का उत्पादन शुरू करना चाह रही है।

स्विट्जरलैंड के निवेशक व उद्यमियों को संबोधित करते हुए गोयल ने साफ तौर पर कहा कि आज व्यापार में पारस्परिक युग चल रहा है। भारत भी बराबरी का व्यापार करना चाहता है। अगर स्विट्जरलैंड के उद्यमी अपनी मशीन के लिए भारत के मानक ब्यूरो से गुणवत्ता सर्टिफिकेट में छूट चाहते हैं तो भारतीय वस्तुओं के लिए भी स्विट्जरलैंड को यह छूट देनी होगी।

गोयल ने कहा कि आस्ट्रेलिया और यूएई के बाद भारत ने हाल ही में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया है। अमेरिका, यूरोपीय संघ के साथ हम समझौते के काफी करीब हैं। न्यूजीलैंड, पेरू, चिली जैसे देश के साथ भी वार्ता चल रही है। ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौते में दोनों पक्ष ने अपने-अपने संवेदनशील सेक्टर को वार्ता से दूर रखने का फैसला किया है।

ईमंगलवार को गोयल के समक्ष स्विट्जरलैंड की कंपनी एनड्रेस प्लस हाउजर की तरफ से महाराष्ट्र में अतिरिक्त 40,000 वर्गमीटर से अधिक जमीन की मांग रखी गई। यह कंपनी पहले से महाराष्ट्र में मैन्यूफैक्चरिंग कर रही है और अपने विस्तार के लिए अतिरिक्त जमीन चाहती है, जिसे मिलने में दिक्कत हो रही है।

बर्न में सुबह 11.30 बजे कंपनी की तरफ से बताई गई इस समस्या को सुनने के बाद गोयल ने महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री से बात की और अगले ढाई घंटे से भी कम समय में एनड्रेस प्लस हाउजर की इस समस्या का समाधान हो गया।

गोयल ने कहा कि भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआइ) में कोई गिरावट की प्रवृत्ति नहीं है, हालांकि आवधिक उतार-चढ़ाव कभी -कभी वैश्विक ब्याज दर में बदलाव के कारण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में नए सिरे से विदेशी पूंजी प्रवाह देखने को मिला है। साथ ही सरकार सुझावों के लिए तैयार है और देश में एफडीआइ को बढ़ावा देने के लिए नए उपायों को अपनाएगी।

गौरतलब है कि पिछले 11 वित्त वर्ष (2014-25) में भारत ने 748.78 अरब डॉलर के एफडीआइ को आकर्षित किया, जो पिछले 11 वर्ष (2003-14) में 143 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, एफडीआइ के स्त्रोत देशों की संख्या 2013-14 में 89 से बढ़कर 2024-25 में 112 हो गई, जो भारत की बढ़ती वैश्विक अपील को निवेश गंतव्य के रूप में दर्शाती है।

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