Thursday, May 22, 2025

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भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में इतिहास रचने को तैयार

भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला इतिहास रचने और अपने पहले अंतरिक्ष मिशन पर जाने के लिए तैयार हैं। दरअसल शुभांशु शुक्ला समेत पूरे एक्जियोम-4 क्रू के सदस्यों ने कैलिफोर्निया में स्पेसएक्स के साथ अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली है। शुभांशु शुक्ला की मॉक ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में उसी सूट में ट्रेनिंग हुई, जिसे पहनकर वे 29 मई 2025 को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं।

शुभांशु शुक्ला, एक्जियोम स्पेस के एक निजी मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) जाएंगे। यह मिशन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के सहयोग से किया जा रहा है। क्रू के सदस्य स्पेसएक्स के शक्तिशाली रॉकेट फाल्कन-9 रॉकेट से नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से 29 मई की रात करीब 10.33 बजे उड़ान भरेंगे। 14 दिन के मिशन पर जाने वाले एक्जियोम-4 क्रू में नासा की अंतरिक्षयात्री कमांडर पेगी व्हिट्सन, पोलैंड के अंतरिक्षयात्री स्वोस्ज विनिस्की और हंगरी के अंतरिक्षयात्री टिबोर कापू और भारतीय अंतरिक्षयात्री शुभांशु शुक्ला शामिल होंगे।  शुभांशु शुक्ला को साल 2019 में भारत के गगनयान मिशन के लिए चुना गया था। इस मिशन पर शुभांशु शुक्ला के साथ ही भारत के तीन और अंतरिक्षयात्री जाने वाले हैं। शुभांशु शुक्ला ने रूस के यूरी गागरिन कोस्मोनोट ट्रेनिंग सेंटर और इसके बाद बंगलूरू में इसरो के प्रोपल्शन कॉम्पलेक्स में एस्ट्रोनोट ट्रेनिंग पूरी की। एक्जियोम-4 मिशन के तहत शुक्ला आईएसएस पर सात प्रयोग करेंगे। इन एक्सपेरीमेंट्स को भारतीय संस्थानों द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें स्क्रीन के इस्तेमाल के वक्त मस्तिष्क पर पड़ने वाले कॉगनिटिव इफेक्ट का अध्ययन, माइक्रोबियल एडेप्टेशन , मसल एट्रोफी, माइक्रोग्रेविटी में फसल रेजिलिएंस का अध्ययन शामिल है। शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में रहने के दौरान भारतीय संस्कृति का भी प्रदर्शन करेंगे और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर योगा कर सकते हैं।

एक्जियोम-4 मिशन कई मायनों में भारत के लिए एतिहासिक है क्योंकि इसके साथ शुभांशु शुक्ला पहले भारतीय बन जाएंगे, जो अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन जाएंगे। साथ ही शुभांशु राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे। राकेश शर्मा साल 1984 को सोयूज टी-11 मिशन के तहत अंतरिक्ष में गए थे। इसरो ने कहा है कि शुभांशु शुक्ला के एक्जियोम-4 मिशन पर जाने से भारत के गगनयान मिशन के लिए समझ बेहतर होगी।

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