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अगस्त 2027 तक पटरियों पर दौड़ेगी देश की पहली बुलेट ट्रेन: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC) में बोले केंद्रीय मंत्री, कहा— गुजरात बनेगा ‘विकसित भारत’ का इंजन
देश की पहली बुलेट ट्रेन अब हकीकत बनने के करीब है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को घोषणा की कि अगस्त 2027 तक बुलेट ट्रेन पटरियों पर दौड़ने लगेगी। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है और इसका बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है।

गुजरात में रेलवे का अभूतपूर्व विकास
वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (VGRC) में निवेशकों को संबोधित करते हुए रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में केवल गुजरात में 2764 किलोमीटर नया रेलवे ट्रैक बिछाया गया है। राज्य में 332 फ्लाईओवर और अंडरपास बनाए जा रहे हैं और 86 नए रेलवे स्टेशन का निर्माण जारी है।
उन्होंने कहा—
“रेलवे ने गुजरात में भारी निवेश किया है। इससे राज्य के औद्योगिक और लॉजिस्टिक सेक्टर को नई ऊर्जा मिली है। आने वाले वर्षों में गुजरात, भारत की औद्योगिक प्रगति का मॉडल बनेगा।”
मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को सराहते हुए कहा कि गुजरात की विकास यात्रा अब वैश्विक अध्ययन का विषय बन चुकी है।
“यह सब प्रधानमंत्री मोदी के विजनरी नेतृत्व का परिणाम है, जिन्होंने विकास को जन-जन का आंदोलन बनाया।”

फ्रेट कॉरिडोर से प्रतिदिन 400 ट्रेनें चल रही हैं
वैष्णव ने बताया कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों को गति देने के लिए फ्रेट कॉरिडोर पर प्रतिदिन करीब 400 ट्रेनें संचालित हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि 31 नए रेल प्रोजेक्ट्स की डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है, जिनके माध्यम से गुजरात में और अधिक निवेश आएगा।
“ये परियोजनाएं न केवल राज्य के रेलवे नेटवर्क को सशक्त बनाएंगी, बल्कि रोजगार और उद्योगों के लिए नए अवसर भी खोलेंगी।”

सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनेगा गुजरात
रेल मंत्री ने कहा कि जल्द ही गुजरात में बने सेमीकंडक्टर चिप्स का इस्तेमाल पूरी दुनिया में किया जाएगा। इस क्षेत्र में अब तक 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश हो चुका है, जबकि जापान की कई प्रमुख कंपनियां यहां कार्यरत हैं।
“भारत को सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण में वैश्विक नेता बनना है। गुणवत्ता के प्रति जागरूकता बढ़ाकर हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। केवल इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में ही अब भारत का निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।”
उन्होंने कहा कि वे गुजरात के नेताओं से इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध करेंगे, क्योंकि इसकी वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है।

‘दुनिया बदलाव के दौर में, भारत को खींचनी होगी बड़ी लकीर’
अश्विनी वैष्णव ने बिना नाम लिए अमेरिका सहित पश्चिमी देशों की नीतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा—
“दुनिया इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है। कई देश स्थापित मान्यताओं से हटकर निर्णय ले रहे हैं। ऐसे में भारत को अपनी राह खुद बनानी होगी। यदि भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है तो इसमें विकसित गुजरात की भूमिका सबसे अहम होगी।”

जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम से बढ़ी निवेश संभावनाएं
वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस के दौरान जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे साझेदार देशों ने उत्तर गुजरात में निवेश की गहरी रुचि दिखाई। इन देशों के प्रतिनिधियों ने ऊर्जा, अवसंरचना, मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग के प्रस्ताव रखे।
जापान के भारत में राजदूत ने गुजराती भाषा में संबोधन देकर उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया। उनके भाषण के दौरान सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

अडानी समूह का बड़ा निवेश
प्रसिद्ध उद्योगपति करण अदाणी ने सम्मेलन में कहा कि गुजरात के विकास की असली ताकत यहां के लोगों की सोच और परिश्रम है।
“कच्छ से लेकर सौराष्ट्र तक, गुजरात स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे देश के लिए उदाहरण बन चुका है। अडानी समूह ने अब तक 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है और आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगा। गुजरात हमारे औद्योगिक विस्तार का केंद्र रहेगा।”

‘मोदी के नेतृत्व में राज्य ने पाई नई दिशा’
राज्य के औद्योगिक मामलों के मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते हुए गुजरात ने विकास की जो नींव रखी, वही आज देश के औद्योगिक ढांचे की रीढ़ बन चुकी है।
“मोदी से पहले गुजरात की विकास गति धीमी थी, लेकिन उनके कार्यकाल में हर जिले में औद्योगिक क्रांति जैसी स्थिति बनी। छोटे उद्योगों से लेकर वैश्विक कंपनियों तक, सभी ने यहां विकास की अपार संभावनाएं देखीं।”

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, अगस्त 2027 में बुलेट ट्रेन का संचालन भारत की परिवहन क्रांति का प्रतीक होगा। गुजरात इस महत्वाकांक्षी यात्रा का केंद्र बनेगा, जहां से भारत न सिर्फ उद्योग और प्रौद्योगिकी में बल्कि तेज रफ्तार विकास की दिशा में भी नई लकीर खींचेगा।

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