शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को महायुति गठबंधन पर हमला बोला। संजय राउत ने कहा कि महायुति गठबंधन में सहयोगी दल केवल सत्ता के लिए साथ हैं। उनमें वैचारिक समानता बिल्कुल भी नहीं है। पहले वे अपनी पार्टी की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान देते हैं और फिर सरकार बनाने के लिए साथ आते हैं। राउत ने विभागों के आवंटन में हो रही देरी को लेकर भी महायुति सरकार पर निशाना साधा। राउत ने कहा कि पहले सरकार नहीं बनी और एक बार सरकार बन गई, तो विभाग आवंटन एक महीने बाद हुआ। अब संरक्षक मंत्री पदों को लेकर चर्चा चल रही है। इससे कुछ होने वाला नहीं है और यह अंत तक चलता रहेगा। राउत ने कहा कि संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति का कोई फायदा तो होता नहीं है। क्योंकि वे केवल अपने हितों की पूर्ति करते हैं। राउत ने कहा कि पंकजा या धनंजय मुंडे बीड के संरक्षक मंत्री बनते हैं तो क्या प्रधान संतोष देशमुख को न्याय मिलेगा? जो परभणी का संरक्षक मंत्री बनेगा तो क्या वह पुलिस हिरासत में मारे गए सोमनाथ सूर्यवंशी को न्याय दिला पाएगा? जो ठाणे का संरक्षक मंत्री बनता है क्या वह कल्याण के मराठी परिवार को उनके साथ हुए अन्याय के खिलाफ न्याय दिलाने में कामयाब होगा? राउत ने कहा कि इसका कोई फायदा नहीं है। संरक्षक मंत्री का अर्थ खुद को सिर्फ सत्ता में बनाए रखने का तरीका है। जो गढ़ चिरोली का मंत्री बनता है वह यहां से नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कुछ नहीं करता।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को लेकर राउत ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ काम कर रही है। मनसे देवेंद्र फडणवीस, नरेंद्र मोदी और अमित शाह को अपना आदर्श मानती है और ये तीनों नेता महाराष्ट्र के दुश्मन हैं। तीनों महाराष्ट्र और मुंबई को लूटने के लिए जिम्मेदार हैं। राउत ने कहा कि अगर ठाकरे भाई एक साथ आते हैं तो महाराष्ट्र के लोग इसका लुत्फ उठाएंगे। लोगों का ठाकरे परिवार से गहरा जुड़ाव है।