Thursday, May 22, 2025

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IICT के साथ काम करने के लिए कई और कतार में : अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कई वैश्विक कंपनियां देश के युवाओं की रचनात्मक ऊर्जा इस्तेमाल करने के लिए नवघोषित भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) के साथ काम करने की बेहद इच्छुक हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री वैष्णव ने यह टिप्पणी सात प्रमुख कंपनियों जियोस्टार, गूगल, एडोब, मेटा, एपल, एनवीडिया और माइक्रोसॉफ्ट की ओर से विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के दौरान आईआईसीटी के साथ आशय पत्रों (शुरुआती समझौता, जो पक्षों के बीच संभावित लेन-देन की सहमति जताता है) के आदान-प्रदान के बाद की। वैष्णव ने कहा कि संस्थान एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (एवीजीसी-एक्सआर) क्षेत्र के लिए एक राष्ट्रीय केंद्र बनने के लिए तैयार है। पहले से ही सातों कंपनियां आईआईसीटी के साथ सहयोग कर रही हैं। आईआईसीटी हमारे युवा रचनाकारों को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए इंडस्ट्री के साथ मिलकर काम करेगी।वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आईआईसीटी के साथ सहयोग के लिए विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) के साथ भी बात चल रही है। उन्होंने शुक्रवार को डब्ल्यूआईपीओ के महानिदेशक डैरेन टैंग के साथ बैठक की थी। आईआईसीटी की स्थापना सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से व्यापार निकाय फिक्की और उद्योग निकाय सीआईआई के साथ रणनीतिक सहयोग से प्रतिष्ठित आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में की जा रही है। वैष्णव ने कहा, भारत में मीडिया और मनोरंजन की दुनिया में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाने की क्षमता है। यह संस्थान उस दिशा में पहला कदम है।स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म जियोस्टार के उपाध्यक्ष उदय शंकर ने वेव्स में कहा कि कंपनी ने तीन साल की अवधि में भारत में सामग्री (कंटेंट) में 84,576 करोड़ रुपये (10 अरब डॉलर) का निवेश किया है। उन्होंने कहा, इंडस्ट्री को 2-3 बड़े कारकों पर ध्यान देने की जरूरत है। इसमें अधिक सामग्री तैयार करना भी शामिल है, जो भारतीय जरूरतों के अनुरूप हो। वित्त वर्ष 2024 में दो कंपनियों ने अकेले सामग्री पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए। वित्त वर्ष 2025 में यह 30,000 करोड़ हो गया और वित्त वर्ष 26 के लिए यह आंकड़ा 33,000 करोड़ से अधिक होगा। घरेलू स्क्रीन मनोरंजन या वीडियो मनोरंजन उद्योग अभी 2,53,729 करोड़ रुपये (30 अरब डॉलर) का है। अमेरिका में यह करीब 200 अरब डॉलर व चीन में  75 अरब डॉलर है। उन्होंने कहा कि पिछले 30 वर्षों में जिस मूल्य, स्थान या दर से विकास हुआ है, अगले 15 वर्षों में भी इसमें वृद्धि जारी रहेगी।

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