चुनाव आयोग ने कल ये साफ़ किया कि वह प्रत्येक चरण के मतदान के बाद समय पर मतदान प्रतिशत के आंकड़ों को जारी करने को उचित महत्व देता है। चुनाव आयोग का यह बयान, मतदान प्रतिशत जारी करने में देर करने और विसंगतियों के विपक्ष के आरोपों के बीच आया है।
वाम दल, तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियों ने दावा किया था कि चुनाव आयोग मतदान के आंकड़े को जानबूझ कर साझा नहीं कर रहा और 19 अप्रैल को हुए प्रथम चरण के मतदान के बाद आंकड़े साझा करने में देरी की गई।
आयोग के बयान में कहा गया है कि चुनाव आयोग के कामकाज में पूरी तरह पारदर्शिता बरती जाती है। वैधानिक आवश्यकताओं के अनुसार, प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदान प्रतिशत को फार्म 17 सी में पूर्ण संख्या में दर्ज करना है। आयोग ने जानकारी दी कि डाले गए मतों की वास्तविक संख्या का बूथ-वार आंकड़ा भी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध रहता है।