ईरान के इस्राइल पर हमले के बाद रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई। इस बैठक में ईरान के राजनयिक भी शामिल हुए। बैठक में ईरान के राजनयिक ने इस्राइल पर हमले का बचाव करते हुए सफाई दी कि उनके पास कोई और रास्ता ही नहीं बचा था और उन्हें हमला करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ईरान के राजदूत आमिर सईद इरवानी ने कहा कि ‘इस्लामिक गणराज्य ईरान ने आत्मरक्षा के अधिकार के तहत इस्राइल पर हमला किया। इस्राइल के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहा। ऐसे में तेहरान के पास कोई रास्ता ही नहीं बचा और उसे जवाब देना पड़ा।’ ईरान के राजनयिक ने ये भी कहा कि ‘उनका देश नहीं चाहता कि संघर्ष बढ़े, लेकिन अगर कोई भी आक्रामक कार्रवाई हुई तो वह उसका जवाब देंगे।’ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इस्राइल के राजदूत ने ईरान पर गंभीर आरोप लगाए और क्षेत्र में अशांति के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया। इस्राइल के राजदूत ने कहा कि ईरान का मुखौटा उतर चुका है। वह दुनियाभर में आतंकवाद को पोषित करता है और क्षेत्र में अशांति के लिए भी ईरान जिम्मेदार है। इस्राइल के राजदूत ने मांग की कि ईरानी सेना रिवोल्यूशनरी गार्ड्स को एक आतंकी संगठन घोषित कर दिया जाना चाहिए और बहुत देर हो जाए, उससे पहले ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा देने चाहिए।