देहरादून।
उत्तराखंड में उच्च शिक्षा को समकालीन और रोजगारमुखी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सहित कई नए विषयों को शामिल किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया है, जिसे जल्द ही राज्यस्तरीय शैक्षणिक परिषद की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, नई शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप उच्च शिक्षा संस्थानों में पारंपरिक विषयों के साथ-साथ तकनीकी, डिजिटल और नवाचार आधारित पाठ्यक्रमों को जोड़ा जा रहा है। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, डेटा साइंस, साइबर सिक्योरिटी, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, पर्यावरण अध्ययन और उद्यमिता विकास जैसे विषय प्रमुख रूप से शामिल किए जाएंगे।
उच्च शिक्षा निदेशक ने बताया कि इन विषयों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों और चुनिंदा कॉलेजों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा। इसके बाद इसे अन्य संस्थानों तक विस्तारित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन विषयों के लिए विशेषज्ञ शिक्षकों की नियुक्ति और फैकल्टी प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी योजना तैयार की गई है। इसके अलावा, विश्वविद्यालयों को उद्योग जगत और तकनीकी संस्थानों के साथ साझेदारी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप के अवसर मिल सकें।
विभाग का मानना है कि इन आधुनिक विषयों के जुड़ने से छात्रों को रोजगार और स्टार्टअप दोनों के नए अवसर मिलेंगे। साथ ही, राज्य के युवाओं को भविष्य की तकनीकी जरूरतों के अनुरूप तैयार किया जा सकेगा।
शिक्षाविदों ने भी विभाग की इस पहल का स्वागत किया है। उनका कहना है कि डिजिटल क्रांति के इस युग में एआई और डेटा साइंस जैसे विषयों का उच्च शिक्षा में शामिल होना समय की मांग है। इससे उत्तराखंड के कॉलेजों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2026 से शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से नए विषयों को पाठ्यक्रम में औपचारिक रूप से शामिल कर दिया जाए। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों को मार्च 2026 तक संशोधित पाठ्यक्रम प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।





