Wednesday, September 10, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

भारत कोई छोटा देश नहीं… ट्रंप के बदले सुर से संबंधों में सुधार की उम्मीद, विशेषज्ञों की राय

वॉशिंगटन/नई दिल्ली।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों ने भारत-अमेरिका रिश्तों में नई संभावनाओं के संकेत दिए हैं। ट्रंप ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में कहा कि “भारत कोई छोटा देश नहीं है, बल्कि एक वैश्विक शक्ति है और अमेरिका के लिए एक अहम साझेदार है।” उनके इस रुख को विशेषज्ञों ने सकारात्मक बदलाव माना है और उम्मीद जताई है कि दोनों देशों के बीच संबंधों में नए सिरे से मजबूती आ सकती है।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ट्रंप ने भारत के प्रति अपेक्षाकृत कठोर रुख दिखाया था और चीन को तरजीह देने जैसा बयान दिया था। उस वक्त इसे भारत-अमेरिका संबंधों में ठंडेपन का संकेत माना गया था। हालांकि, अब उनके बदले सुर यह जताते हैं कि वे भारत की वैश्विक भूमिका और रणनीतिक महत्व को समझ रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में अमेरिका और भारत के बीच रक्षा, प्रौद्योगिकी, व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की नई राहें खुल सकती हैं। खासतौर पर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की अहम भूमिका को लेकर अमेरिकी नेतृत्व की प्राथमिकताएं स्पष्ट हो सकती हैं।

भारत के कूटनीतिक हलकों में भी ट्रंप के इस रुख को उत्सुकता से देखा जा रहा है। विदेश नीति विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ट्रंप सत्ता में वापसी करते हैं तो उनके साथ भारत के रिश्तों की दिशा इस बार और व्यावहारिक तथा संतुलित हो सकती है।

इस बीच, राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी कहना है कि ट्रंप के बयान सिर्फ चुनावी रणनीति का हिस्सा भी हो सकते हैं, क्योंकि अमेरिका में भारतीय मूल के मतदाता और कारोबारी समुदाय का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में भारत के प्रति सकारात्मक रुख अपनाना ट्रंप के लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है।
फिलहाल, ट्रंप के बदले सुर से दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को लेकर उम्मीदें जरूर बढ़ी हैं। अब यह देखना होगा कि यह बयानबाजी सिर्फ चुनावी मंच तक सीमित रहती है या वास्तव में भारत-अमेरिका संबंधों में नया अध्याय लिखने की नींव रखती है।

Popular Articles