Sunday, July 6, 2025

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श्यामा प्रसाद मुखर्जी न होते तो कश्मीर भारत का हिस्सा न बन पाता

देश की राजनीति और कश्मीर के मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को श्यामा प्रसाद मुखर्जी को याद किया। गुजरात के आणंद में आयोजित कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि अगर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी न होते तो आज कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा न बन पाता। उन्होंने मुखर्जी के बलिदान और राष्ट्र के लिए उनके योगदान को याद किया। अमित शाह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर को दी गई विशेष स्थिति का जोरदार विरोध किया था। उन्होंने ‘एक देश में दो प्रधान, दो निशान और दो विधान नहीं चलेंगे’ का नारा दिया। शाह ने कहा कि मुखर्जी ने कश्मीर की एकता के लिए खुद को बलिदान कर दिया, तभी जाकर आज जम्मू-कश्मीर भारत का पूरा हिस्सा है।

गृह मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल को भारत का हिस्सा बनाए रखने में भी श्यामा प्रसाद मुखर्जी की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने स्वामी प्रणवानंद के साथ मिलकर बंगाल की भारत में एकता सुनिश्चित की। शाह ने कहा कि जिस पार्टी की शुरुआत मुखर्जी ने सिर्फ 10 लोगों के साथ की थी, आज वही भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आजादी के बाद नेहरू मंत्रिमंडल में शामिल होकर देश की औद्योगिक नीति बनाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने चित्तरंजन लोकोमोटिव फैक्ट्री, सिंदरी फर्टिलाइज़र और हिंदुस्तान जैसी कई संस्थाओं की नींव रखी। लेकिन बाद में नेहरू सरकार की तुष्टीकरण नीति से असहमति जताते हुए उन्होंने इस्तीफा दे दिया और 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की।

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