परमाणु कार्यक्रम को लेकर इस्राइल और ईरान के बीच शुरू हुआ संघर्ष अब थम गया है। हालांकि इस्राइल और ईरान के बीच भलेही ये संघर्ष थम गया है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई के मंत्रियों के बीच जारी बयानबाजी ने इस संघर्ष की गर्माहट को सातवें आसमान पर पहुंचा रखा है। इसी सिलसिले में शनिवार को ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने भी ट्रंप के बयानों पर सख्त लहजे में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप वास्तव में ईरान से कोई समझौता चाहते हैं, तो उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई के प्रति अपमानजनक भाषा छोड़नी होगी।
अराघची ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ईरानी जनता को धमकियां और अपमान रास नहीं आते। अगर किसी गलतफहमी के कारण अमेरिका कोई और बड़ी गलती करता है, तो ईरान अपनी असली ताकत दिखाने में देर नहीं करेगा। उन्होंने आगे कहा कि ईरानी जनता की जटिलता और दृढ़ता हमारे शानदार कालीनों की तरह है, जिन्हें महीनों की मेहनत और धैर्य से बुना जाता है। लेकिन हमारा संदेश साफ है, हम अपनी कीमत जानते हैं, अपनी आजीदी को महत्व देते हैं और किसी को भी अपना भविष्य तय करने नहीं देंगे।
इसके साथ ही अराघची ने अमेरिका को सख्त चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप किसी समझौते को लेकर ईमानदार हैं, तो उन्हें ईरान के सर्वोच्च नेता के प्रति सम्मान दिखाना होगा और उनके करोड़ों समर्थकों की भावनाओं को ठेस पहुंचाना बंद करना होगा। उन्होंने लिखा कि ईरान ने हाल ही में दुनिया को दिखा दिया कि इस्राइल को हमारी मिसाइलों से बचने के लिए अमेरिका के पीछे भागना पड़ा। अराघची ने ये भी कहा कि ईरान की असली शक्ति किसी भ्रम को जल्द ही खत्म कर सकती है। इसके अलावा अंत में अराघची ने लिखा कि अच्छी नीयत से अच्छी नीयत मिलती है और सम्मान देने से सम्मान मिलता है।
गौरतलब है कि अराघची का यह बयान ऐसे समय आया है जब शुक्रवार को ट्रंप ने आयतुल्ला अली खामेनेई को लेकर तीखा बयान दिया था। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया पर कहा था कि युद्धग्रस्त ईरान के तथाकथित सुप्रीम लीडर आयतुल्ला खामनेई कैसे इतने स्पष्ट और मूर्खतापूर्ण ढंग से यह दावा कर सकते हैं कि उन्होंने इस्राइल के साथ युद्ध जीत लिया, जबकि वे स्वयं जानते हैं कि यह पूरी तरह गलत है। ट्रंप ने कहा कि एक धर्मगुरु होने के नाते खामनेई से यह उम्मीद नहीं की जाती कि वे झूठ बोलेंगे।
ट्रंप ने आगे कहा था कि ईरान पहले ही बुरी तरह तबाह हो चुका है, उसके तीन परमाणु ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया है। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्हें यह भी पूरी तरह पता था कि खामनेई कहां छिपे हुए थे, और उन्होंने जानबूझकर इस्राइल या अमेरिकी सशस्त्र बलों…जो दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेनाएं हैं.. को उन्हें मारने की अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें एक बहुत ही भयानक और अपमानजनक मौत से बचाया।