Saturday, June 28, 2025

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दुष्कर्म मामले में आसाराम को गुजरात हाईकोर्ट से मिली राहत, सात जुलाई तक बढ़ाई गई अस्थायी जमानत

गुजरात हाईकोर्ट ने 2013 में दर्ज हुए दुष्कर्म मामले में आसाराम को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने उसकी अस्थायी जमानत सात जुलाई तक बढ़ा दी है। इस मामले में आसाराम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। वो चिकित्सा आधार पर जमानत पर है।
न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति संदीप भट्ट की खंडपीठ ने आसाराम को यह विस्तार इसलिए किया ताकि उनके वकील याचिका को लेकर आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर सकें। हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की 2 जुलाई को सुनवाई होगी। इससे पहले हाईकोर्ट ने 28 मार्च को दी गई अस्थायी जमानत तीन महीने के लिए बढ़ा दी थी। वह 30 जून को समाप्त हो रही है।
अपनी दलील में आसाराम के वकील ने दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ दिनों की मोहलत मांगी। उन्होंने दावा किया कि 28 मार्च को अदालत द्वारा अस्थायी जमानत दिए जाने के बाद जोधपुर उच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त करने की प्रक्रिया के कारण 10 दिन बर्बाद हो गए और उन्हें 7 अप्रैल को रिहा किया गया।

वकील ने कहा कि मैं सिर्फ दो दिन का समय मांगता हूं ताकि यदि मामला सोमवार को रखा जाता है तो मैं दस्तावेज को रिकॉर्ड में रख सकूं। प्रतिवादी भी इसका सत्यापन कर सकें। फिर सोमवार को आसाराम को किसी भी हालत में आत्मसमर्पण करना होगा। इसलिए न्यायाधीश मुझे मामला लंबित रहने तक एक या दो दिन का समय दे सकते हैं।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि वर्तमान मामले के विशिष्ट तथ्यों, विशेषकर नालसा (राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण) से प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए हम अस्थायी जमानत को सात जुलाई तक बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं।

कुछ महीने पहले सर्वोच्च न्यायालय ने आसाराम को अंतरिम जमानत दी थी। जो 31 मार्च को समाप्त हो रही थी। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने 28 मार्च को आसाराम को तीन महीने के लिए अस्थायी जमानत प्रदान की थी। इसके बाद उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने विभाजित फैसला सुनाया। मामले को तीसरे न्यायाधीश के पास मामला भेजा गया तो आसाराम को तीन महीने की अस्थायी जमानत देने के पक्ष में फैसला सुनाया गया।
जनवरी 2023 में गांधीनगर की एक अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। आसाराम 2013 में राजस्थान स्थित अपने आश्रम में एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के एक अन्य मामले में भी आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। मौजूदा मामले में उन्हें सूरत की रहने वाली एक महिला अनुयायी के साथ 2001 से 2006 के बीच कई बार दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था।

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