श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने राज्य के 17 ऐसे संस्थानों के प्रवेश और परीक्षा परिणामों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है, जिन्होंने पिछले कई वर्षों से विश्वविद्यालय की संबद्धता के लिए आवेदन तक नहीं किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थानों के प्रवेश पोर्टल बंद कर दिए हैं। साथ ही परीक्षा परिणाम घोषित करने पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय मुख्यालय में बीती 16 जून को महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें सभी संस्थानों को निरीक्षण और फैकल्टी अनुमोदन संबंधी लंबित मामलों को एक सप्ताह के भीतर निपटाने का निर्देश दिया गया था। बैठक में संबद्ध संस्थानों के प्राचार्यों, अध्यक्षों और निदेशकों ने भाग लिया था।
विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी ने बताया कि इन 17 संस्थानों ने बीती बैठक के निर्देशों का भी पालन नहीं किया। विश्वविद्यालय उनके साथ पहले भी कई बैठकें कर चुका था। उन्हें 12 स्मरण पत्र भी भेजे गए थे। संस्थानों को हर बार निरीक्षण और फैकल्टी चयन से संबंधित पत्रावली और रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया, लेकिन निर्देशों को लगातार नजरंदाज किया गया।
राज्य सूचना आयोग से हुआ खुलासा
बिना वैध मान्यता के चल रहे सभी संस्थानों का खुलासा राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के समक्ष एक आरटीआई की अपील पर सुनवाई के दौरान हुआ। जहां संस्थानों की घोर लापरवाही सामने आई। इस संबंध में अमर उजाला ने सबसे पहले विस्तृत खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद कुलपति ने बैठक करके सभी संस्थानों को अंतिम चेतावनी दी, उसके बाद भी लापरवाह रवैये के चलते सख्त रुख अपनाया।