ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार को इस्तांबुल में कहा कि ईरान और इस्राइल के बीच जारी संघर्ष में अगर अमेरिका हस्तक्षेप करता है तो इसके नतीजे बहुत-बहुत खतरनाक होंगे। उन्होंने कहा कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत को तैयार है, लेकिन जब तक उसके नागरिकों पर बमबारी हो रही है, तब तक कोई बातचीत संभव नहीं है। अराघची ने अमेरिका पर शुरू से ही इस संघर्ष में शामिल होने का आरोप भी लगाया। ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते संघर्ष के खतरे के बीच अमेरिका की सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं। स्काई न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार से गुरुवार तक 52 अमेरिकी सैन्य विमान पूर्वी भूमध्य सागर की ओर उड़ते देखे गए, जिनमें से 25 यूनान के क्रेट द्वीप स्थित चानिया एयरपोर्ट से गुजरे। यह संख्या जून की शुरुआत की तुलना में आठ गुना अधिक है। इन विमानों में ट्रांसपोर्ट, रिफ्यूलिंग और रीकॉनिसेंस एयरक्राफ्ट शामिल थे। मैकेंजी इंटेलिजेंस के प्रमुख फोर्ब्स मैकेंजी ने इसे मिडिल ईस्ट में अमेरिकी ‘वॉरफाइटिंग कैपेबिलिटी’ बढ़ाने का संकेत बताया। इसके अलावा, एफ-22 रैप्टर्स और एफ-35 जैसे फाइटर जेट्स की भी तैनाती की खबरें हैं, हालांकि उनकी गतिविधियां सार्वजनिक ट्रैकिंग डेटा में नहीं दिखतीं।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल पहुंचे हैं, जहां वे इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में ईरान, इस्राइल के खिलाफ मुस्लिम देशों को एकजुट होने की अपील कर सकता है। इस बैठक में 40 राजनयिक शामिल हो सकते हैं। इस्राइली रक्षा मंत्री इस्राइल काट्ज ने कहा है कि इस्राइली हमले में ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स की विदेशों में ऑपरेशन करने वाली कुद्स फोर्स के फलस्तीन डिविजन के कमांडर सईद इजादी को ढेर कर दिया है। काट्ज ने दावा किया कि सईद इजादी ने ही इस्राइल पर 7 अक्तूबर को हुए हमले की फंडिंग की थी और साथ ही हमास को हथियार भी मुहैया कराए थे। काट्ज ने कहा कि यह इस्राइली खुफिया एजेंसियों और इस्राइली सेना की बड़ी उपलब्धि है।