Monday, June 30, 2025

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‘ये हमारा फैसला नहीं है’, कर्नाटक में फिर से जाति जनगणना कराने पर सीएम का चौंकाने वाला बयान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि राज्य में जाति जनगणना कराने का फैसला उनकी सरकार का नहीं है बल्कि पार्टी नेतृत्व का है। मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि ‘जाति जनगणना को लेकर कुछ शिकायतें मिली हैं। जाति जनगणना को हुए 10 साल बीत चुके हैं और अब यह पुराना हो गया है। ऐसे में जल्द ही फिर से जाति जनगणना कराई जाएगी।’ शिवकुमार ने बताया कि 12 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना की योजना पर चर्चा होगी। उन्होने कहा कि कर्नाटक सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक सरकार एससी और एसटी समुदाय का बीते दो महीने से सर्वे करा रही है। जाति जनगणना में अभी लंबा समय लगेगा और इस पर अगली कैबिनेट बैठक में फैसला होगा। गौरतलब है कि सिद्धारमैया सरकार में साल 2015 में भी जाति जनगणना कराई गई थी, लेकिन वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के दबाव में इसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई थी। 2015 की रिपोर्ट कैबिनेट में पेश होने से पहले ही लीक हो गई थी। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के लोगों का आरोप है कि सिद्धारमैया सरकार में उनकी आबादी घटा दी गई। शिवकुमार ने बताया कि 12 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में जाति जनगणना की योजना पर चर्चा होगी। उन्होने कहा कि कर्नाटक सरकार सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ये भी कहा कि कर्नाटक सरकार एससी और एसटी समुदाय का बीते दो महीने से सर्वे करा रही है। जाति जनगणना में अभी लंबा समय लगेगा और इस पर अगली कैबिनेट बैठक में फैसला होगा। गौरतलब है कि सिद्धारमैया सरकार में साल 2015 में भी जाति जनगणना कराई गई थी, लेकिन वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के दबाव में इसकी रिपोर्ट जारी नहीं की गई थी। 2015 की रिपोर्ट कैबिनेट में पेश होने से पहले ही लीक हो गई थी। वोक्कालिगा और लिंगायत समुदाय के लोगों का आरोप है कि सिद्धारमैया सरकार में उनकी आबादी घटा दी गई।

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