रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के समाधान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर भारत के विदेश मामलों के विशेषज्ञ रोबिंदर सचदेव ने अपना बयान जारी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि ब्रिक्स बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक यूक्रेन संघर्ष के लिए उनकी एक सूत्री योजना के तहत शांति कूटनीति के एक दौर की समाप्ति होगी। बता दें कि सचदेव ने पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रपति पुतिन, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पीएम मोदी की बैठकों का जिक्र किया। रोबिंदर ने एक साक्षात्कार में कहा, आप क्रोनोलॉजी को देखें। पीएम मोदी जुलाई में मास्को में पुतिन से मिले। उसके बाद, उन्होंने अगस्त में कीव में जेलेंस्की से मुलाकात की। निश्चित रूप से, कुछ संदेशों का आदान-प्रदान हुआ होगा। उन्होंने कहा कि भारत ने प्रत्येक स्थिति को बेहतर ढंग से समझा होगा। इसके साथ ही रोबिंदर ने कहा कि पीएम मोदी इसके बाद क्वाड की बैठक में बाइडन से मिले। उन्होंने पुतिन और जेलेंस्की से हुई चर्चाओं के बारे में बाइडन से बात की होगी। उसके तुरंत बात द्विपक्षीय बैठक के लिए संयुक्त राष्ट्र में मोदी फिर जेलेंस्की से मिले। उ अब पीएम मोदी पुतिन के साथ अपनी बैठक में उन्हें यूक्रेनी संघर्ष पर गतिरोध को तोड़ने के लिए सभी के विचार व संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे और इस तरह शांति कूटनीति के प्रयासों का एक चक्र पूरा होगा।