शीर्ष प्राथमिकता हो जनता की शिकायतों का समाधानः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री ने सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश मार्च 2024 तक 80 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का दिया लक्ष्य मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएम दर्पण डैशबोर्ड 2.0 का भी शुभारंभ किया
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 के सम्बंध में समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए कि लोगों की शिकायतों का अधिक से अधिक समाधान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान हो रहा है। हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि मार्च 2024 तक हम 80 प्रतिशत शिकायतों का समाधान कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सीएम दर्पण डैशबोर्ड 2.0 का भी शुभारंभ किया। सोमवार को सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि 9 मई 2023 से 22 जनवरी 2024 तक कुल 95573 शिकायतें पंजीकृत हुई, जिनमें से लगभग 60 प्रतिशत शिकायतों का समाधान संतोषजनक रूप से किया गया। मुख्यमंत्री ने इस पर संतुष्टि जताते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि मार्च 2024 तक हमारा लक्ष्य 80 प्रतिशत शिकायतों के समाधान का होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ शिकायतें ऐसी भी होती हैं जिनका कई बार व्यवहारिक रूप से समाधान तलाशने के बावजूद निस्तारण नहीं हो पाता। ऐसी स्थिति में संबंधित विभाग शिकायतकर्ता से संवाद अवश्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी शिकायत को एकतरफा बंद न किया जाए। किसी भी शिकायत को बंद करने से पहले शिकायतकर्ता को पूरी तरह से संतुष्ट किया जाए। उन्होंने कहा कि इस कार्य में लगे सभी कार्मिकों को ओनरशिप लेकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन में जो भी लोग कार्य कर रहे हैं वे शिकायतकर्ता को अच्छी तरह से अटेंड करें।
इसके साथ ही बड़े व्यावसायिक भवनों में भी इसकी अनिवार्यता के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए समस्त प्राधिकरणों को निर्देश दिए कि नक्शा पास करते समय इसका बखूबी पालन कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे हम काफी ऊर्जा की बचत कर सकेंगे। वर्ष 2025 में राज्य की सिल्वर जुबली तक हर विभाग अपनी एक मॉडल योजना धरातल पर उतारे मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्य में शामिल करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जब भी उत्तराखंड दौरे पर आते हैं तो यह जिक्र करते हैं 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा।