अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। राष्ट्रपति पद के लिए दोनों उम्मीदवार- डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस लगातार रैलियों में एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने शुक्रवार को पेंसिलवेनिया में रैली की, जहां एक बार फिर एक शख्स के हंगामे के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए। बता दें कि पिछले महीने पेंसिलवेनिया में रैली के दौरान ही ट्रंप पर एक शूटर ने हमला कर दिया था। इस हमले में गोली उनके कान को छूकर निकल गई थी और वे बाल-बाल बच गए थे। इस घटना के बाद ट्रंप की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हुए थे।
बताया गया है कि पेंसिलवेनिया के जॉनटाउन में ट्रंप की रैली के दौरान एक शख्स प्रेस एरिया (मीडिया एरिया) में घुस आया था। इस दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति कुछ मीडिया समूहों को अपने खिलाफ पक्षपाती रवैये के लिए खरी-खरी सुना रहे थे। इसी दौरान एक शख्स साइकिल रैक में सवार होकर मीडिया एरिया तक पहुंच गया और मंच के ठीक सामने उस जगह चढ़ने की कोशिश करने लगा, जहां चैनलों के कैमरे और टीवी रिपोर्टर तैनात होते हैं। शख्स की इस हरकत को देखते ही वहां मौजूद लोगों ने उसे नीचे घसीट लिया। इस दौरान पुलिस अफसर भी घटनास्थल पर पहुंच गए। एक पुलिसकर्मी ने इस दौरान शख्स पर काबू पाने के लिए उस पर टेजर (शॉक देने वाली बंदूक) से वार किए। बाद में पुलिसकर्मी इस शख्स को बाहर ले गए। मजेदार बात यह है कि इस घटना को ट्रंप ने खुद देखा और कहा, “क्या मेरी रैली से अलग कहीं और ज्यादा मजा आ सकता है?”
इस घटना के ठीक बाद पुलिस ने भीड़ में शामिल एक और व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। हालांकि, यह साफ नहीं है कि उसे किस वजह से पकड़ा गया है या उसका पहले गिरफ्तार किए गए शख्स से कोई संबंध है। इस घटना के बाद एक बार फिर ट्रंप की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। दरअसल, ट्रंप की सुरक्षा के लिए तैनात सीक्रेट सर्विस और पुलिसकर्मियों पर लोगों की जांच के बाद ही उन्हें रैली में शामिल होने की अनुमति से जुड़ी जिम्मेदारी होती है। हालांकि, पेंसिलवेनिया में अचानक एक शख्स के घुस आने की घटना ने फिर से ट्रंप की सुरक्षा के मुद्दे को केंद्र में ला दिया है।
पेंसिलवेनिया में 14 जुलाई को ट्रंप की रैली के दौरान हुई गोलीबारी हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति की जान गई थी, वहीं दो अन्य लोग घायल हुए थे। हमलावर की पहचान 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स के रूप में हुई थी, जिसे हमले के तुरंत बाद सीक्रेट सर्विस स्नाइपर्स ने ढेर कर दिया था। हमले में ट्रंप बाल-बाल बच गए थे और गोली उनके कान को छूकर निकल गई।