अब मरीजों के साथ डॉक्टरों का रिकॉर्ड भी डिजिटल होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्ट्री (एनएमआर) पोर्टल लॉन्च किया। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के इस पोर्टल में प्रत्येक एलोपैथी डॉक्टर को अपने आधार कार्ड से लिंक करते हुए एक खाता खोलना होगा, जिसमें उनके मोबाइल नंबर और डिग्री तक की जानकारी मौजूद होगी। डॉक्टरों को एक यूनिक आईडी मिलेगी जो उनके जीवन भर पहचान की तरह काम आएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि पंजीकृत डॉक्टरों के लिए एक व्यापक गतिशील डाटाबेस बनाने के लिए इस पोर्टल को लॉन्च किया है। यह डॉक्टरों की आधार आईडी से जुड़ा है, जिससे व्यक्ति की प्रामाणिकता सुनिश्चित होगी। सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए इसमें पंजीकरण की प्रक्रिया बहुत सरल है। इसके अलावा राज्यों के अधीन मेडिकल कॉलेज भी पोर्टल पर आपस में जुड़े हैं। इसमें कुछ डाटा सार्वजनिक किया जाएगा और बाकी डाटा केवल राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), राज्य चिकित्सा परिषदों (एसएमसी), राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) और चिकित्सा में नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड (ईएमआरबी) को दिखाई देगा। मंत्रालय के अनुसार, एक बार जब डॉक्टर अपनी पूरी जानकारी दर्ज कराएगा तब इसे सत्यापन के लिए संबंधित राज्य के चिकित्सा परिषद को भेजा जाएगा। इसके बाद आगे की समीक्षा के लिए संबंधित कॉलेज को भेजेंगे। इस तरह अलग-अलग चरण में सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम आवेदन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग को भेजा जाएगा। इसके बाद ही डॉक्टर के लिए एनएमआर आईडी जारी की जाएगी। इतना ही नहीं डॉक्टर अगर चाहें तो इस प्रक्रिया के दौरान स्वास्थ्य सेवा प्रदाता रजिस्ट्री में शामिल होने का विकल्प भी चुन सकते हैं।ऐसा करने से उन्हें लाभ यह रहेगा कि उन्हें व्यापक डिजिटल स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़ने का अवसर मिलेगा। इस पूरी प्रक्रिया का सबसे बड़ा लाभ यह भी रहेगा कि किस राज्य के कौन से जिले में डॉक्टरों की संख्या कितनी है? यह जानकारी बस क्लिक में मिल जाएगी।