असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कम आय वाले परिवारों के मेधावी छात्रों के लिए क्षेत्रीय भाषा के निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीट आरक्षित करने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव पर जनता की राय लेने का फैसला किया है और अगले शैक्षणिक वर्ष से इस योजना को लागू करने पर विचार हो रहा है। उन्होंने कहा, “यह अंतिम प्रस्ताव नहीं है। हमने इस अवधारणा को मंजूरी दे दी है और अब जनता की राय मांग रहे हैं। यदि सब कुछ ठीक रहा तो हम अगले साल से इस योजना को लागू कर देंगे।” शर्मा ने कहा कि सरकार 25 प्रतिशत आरक्षित छात्रों की फीस स्कूलों को वापस करेगी, जिन्हें योजना में शामिल होने के लिए शिक्षा विभाग में आवेदन करना होगा।
उन्होंने कहा कि कम आय वर्ग के मेधावी छात्रों की पहचान के लिए स्कूल अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करेंगे। यह योजना केवल असमिया, बोडो और बंगाली सहित चुनिंदा प्रतिष्ठित क्षेत्रीय भाषा के विद्यालयों पर लागू होगी, लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों पर लागू नहीं होगी। मिजोरम असम के बीच लंबे समय से चल रहे आ रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के मंत्रियों ने वार्ता की। इस दौरान विवाद को दूर करने के मिलकर काम करने पर सहमति बनी। दोनों राज्यों के प्रतिनिधिमंडल के बीच आइजोल में हुई बैठक में तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए गए।
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए पिछली बैठक नवंबर 2022 में गुवाहाटी में हुई थी। शुक्रवार को हुई बैठक में असम के प्रतिनिधिमंडल में सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा और मिजोरम से गृहमंत्री के सपदांगा ने भाग लिया। अगस्त 2021 में के बाद दोनों राज्यों के बीच चौथी बार और जोरम पीपुल्स मूवमेंट के दिसंबर में सत्ता में आने के बाद यह पहली वार्ता हुई थी।