आज अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के पांच साल पूरे हो गए हैं। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बात की। उन्होंने कहा कि उनके मन में यह बात बहुत साफ थी कि इस फैसले को लागू करने के लिए जम्मू कश्मीर की जनता को विश्वास में लेना सबसे ज्यादा जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘370: अनडूइंग द अनजस्ट, ए न्यू फ्यूचर फॉर जम्मू कश्मीर’ नामक नई किताब की प्रस्तावना में ये टिप्पणियां की हैं। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि जब भी यह फैसला लिया जाए तो यह लोगों पर थोपने के बजाय उनकी सहमति से होना चाहिए। बता दें, यह किताब गैर-लाभकारी संगठन ‘ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन’ ने लिखी है और इसे पेंगुइन इंटरप्राइज ने प्रकाशित किया है। किताब में विस्तार से उन जानकारियों का उल्लेख किया गया है कि मोदी ने अपने लिए जो लक्ष्य तय किए थे, उन्हें कैसे हासिल किया। प्रकाशकों ने बताया कि इस पुस्तक का विमोचन अगस्त में ही किया जाना है। उन्होंने कहा कि यह किताब निस्संदेह भारत के इतिहास की सबसे बड़ी संवैधानिक उपलब्धि के साथ साथ यह भी बताती है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने असंभव प्रतीत होने वाला काम किया। पेंगुइन ने सोमवार को अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के पांच साल पूरे होने पर एक बयान में कहा कि यह पुस्तक ‘स्वतंत्रता के समय की गई कई भूलों पर प्रकाश डालती है, जिसकी परिणति अनुच्छेद 370 के अन्यायपूर्ण क्रियान्वयन के रूप में हुई। यह 1949 में लागू किए जाने के बाद से ही अनुच्छेद 370 के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों पर चर्चा करती है।’