गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति (एसटी) को आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार आज को लोकसभा में एक विधेयक पेश करेगी। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल सोमवार को लोकसभा में विधेयक पेश करेंगे। अभी तक राज्य की विधानसभा में एसटी समुदाय के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं थी और समुदाय इसको लेकर लंबे समय से मांग कर रहा था। जिसके मद्देजनर अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व विधेयक, 2024 को संसद के मानसून सत्र के शेष भाग के लिए लोकसभा में सरकारी कामकाज में सूचीबद्ध किया गया है। मानसून सत्र 12 अगस्त को समाप्त होने वाला है। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा से कुछ दिन पहले 16 मार्च को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विधेयक लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। यह विधेयक जनगणना आयुक्त को गोवा में एसटी की जनसंख्या को अधिसूचित करने का अधिकार देगा। अब तक 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कोई भी सीट एसटी समुदाय के लिए आरक्षित नहीं है, जबकि एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। एसटी समुदाय मांग कर रहा है कि गोवा की 40 सीटों में से चार सीट उसके लिए आरक्षित की जाएं। लिविंग विल को लागू करने वाला गोवा देश का पहला राज्य है। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एम एस सोनक ने एक कार्यक्रम के दौरान ‘जीवन के अंत में देखभाल की वसीयत’ जिसे लिविंग विल भी कहा जाता है, उसे लागू करने की मंजूरी दे दी थी। इसके साथ ही जस्टिस एम एस सोनक लिविंग विल को लागू करने वाले पहले जज बन गए थे।