अल नीनो की वजह से भारत में फिर हैजा फैल सकता है। शोधकर्ताओं ने ताजा अध्ययन में 120 साल पुरानी अल नीनो की घटना और हैजा बीमारी के प्रसार के बीच संबंधों का पता लगाया है। शोधकर्ताओं का दावा है कि 1904-07 के अल नीनो ने भारत में हैजा फैलने में सहयोग किया होगा। इस घटना की वजह से असामान्य तापमान और वर्षा जैसी जलवायु में बदलाव हुआ, जो सीधे तौर पर हैजा बीमारी के प्रसार के लिए सबसे अनुकूल वातावरण है। स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन पीएलओएस नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इनके अनुसार, हैजा फैलाने में पर्यावरण की भूमिका को लेकर बीते कई साल से बहस चली आ रही है। साल 1899 से लेकर 1923 के बीच करीब छह बार हैजा महामारी का प्रकोप देखा गया। भारत में साल 1900 के बाद से इस बीमारी ने करीब सात लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली, तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। स्पेन के बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ के शोधकर्ताओं का यह अध्ययन पीएलओएस नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। इनके अनुसार, हैजा फैलाने में पर्यावरण की भूमिका को लेकर बीते कई साल से बहस चली आ रही है। साल 1899 से लेकर 1923 के बीच करीब छह बार हैजा महामारी का प्रकोप देखा गया। भारत में साल 1900 के बाद से इस बीमारी ने करीब सात लाख से ज्यादा लोगों की जान ले ली, तब भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था।