हल्द्वानी नगर निगम प्रशासन ने गुपचुप तरीके से संपत्ति कर (भवन कर) में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। ये दरें एक अप्रैल 2024 से लागू कर दी गई हैं। 31 मार्च 2028 तक ये दरें लागू रहेंगी। नगर निगम प्रत्येक चार साल बाद भवन कर बढ़ाता है। इसके लिए निगम पहले समाचार पत्रों में विज्ञापन देता है। इसके बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाती है। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संपत्ति कर में बढ़ोतरी की जाती है। इसके बाद किस वार्ड में कितनी दर बढ़कर हो गई, इसका भी प्रकाशन किया जाता है। नगर निगम का दावा है कि उसने दो अखबारों में संपत्ति कर बढ़ाने का विज्ञापन दिया। कहा कि विज्ञापन के बाद भी एक आपत्ति निगम के पास नहीं पहुंची। इसलिए निगम ने पूर्व की भांति ही इस बार भी 15 प्रतिशत संपत्ति कर बढ़ा दिया। उधर नगर निगम के निर्वतमान पार्षद रवि जोशी, राजेंद्र जीना, रोहित आदि का कहना है कि निगम ने कब इसका प्रकाशन किया, कब यह दरें बढ़ाई गई। नई दर कितनी हैं, उन्हें अब तक इसकी जानकारी नहीं है। कहा कि जब उन्हें ही इसकी जानकारी नहीं है तो अन्य लोगों को क्या होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। अब सवाल उठ रहे है कि जब चार साल पूर्व नगर निगम ने संपत्ति कर में इजाफे के लिए विज्ञापन का प्रकाशन कराया था, उस समय 192 आपत्तियां दर्ज की गई थी। इस बार एक भी आपत्ति नहीं आना सवाल खड़े कर रहा है। बशर्ते नगर निगम ने चार साल के लिए संपत्ति कर में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। यानी अगर अब तक आपको 1000 रुपये भवन कर देना पड़ रहा था तो अब यह राशि 1150 रुपये हो जाएगी। सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट का कहना है कि प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया है। संपत्ति कर न्यूनतम 15 फीसदी बढ़ाया गया है। नगर निगम 25 हजार लोगों से भवन और स्वच्छता कर वसूलता है। निगम आवासीय भूखंड से भी संपत्ति कर वसूलता है। बता दें कि अभी नगर निगम नए वार्डों से भवन और संपत्ति कर नहीं लेता है। इसका कारण सरकार ने नगर निगम में शामिल नए गांवों को टैक्स में 10 साल की छूट दी है। 10 साल बाद इनसे भी भवन और स्वच्छता कर लिया जाएगा।