गौला नदी के उफान पर आने से गौलापार स्थित अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम खतरे की जद में है। नदी किनारे 400 मीटर हिस्से में भू–धंसाव हो रहा है। बीती रात गौला के कटाव से स्टेडियम के पिछले हिस्से में बनी 100 मीटर सड़क नदी में समा गई। भू–धंसाव वाली जगह से स्टेडियम की दूरी मात्र 20 मीटर रह गई है। नदी का कटाव इसी तरह बढ़ता रहा तो क्रिकेट स्टेडियम भी इसकी चपेट में आ सकता है। इसी साल स्टेडियम में राष्ट्रीय खेल होने हैं। यहां फुटबॉल, मॉडर्न पेंटाथलॉन, एक्वेटिक्स (स्विमिंग, डायविंग, वाटरपोलो) आदि प्रतियोगिताएं होनी है। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेई और उपनिदेशक खेल राशिका सिद्दीकी ने विभागीय अधिकारियों के साथ स्टेडियम का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। खेल विभाग ने उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर हालात की जानकारी दी। प्रशासन ने बारिश थमने और गौला नदी का जलस्तर कम होने पर बाढ़ सुरक्षा के कार्य करने के निर्देश दिए हैं। खेल विभाग के अधिकारियों को लगातार मॉनिटरिंग करने के लिए कहा गया है। इस दौरान तहसीलदार सचिन कुमार, उप क्रीड़ाधिकारी वरुण बेलवाल आदि मौजूद रहे। गौला नदी अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम को दो साल से नुकसान पहुंचा रही है। शासन–प्रशासन की उदासीनता के चलते स्टेडियम को बचाने के लिए कोई कवायद नहीं की गई। जिलाधिकारी के निर्देश पर सिंचाई विभाग ने स्टेडियम के किनारे 200 मीटर सुरक्षा दीवार बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। पूर्व में वित्त समिति की बैठक में बाढ़ सुरक्षा के कार्यों के लिए दो करोड़ 60 लाख रुपये की राशि को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन अभी तक यह धन जारी नहीं हुई है। अब जब स्टेडियम खतरे की चपेट में आ गया है तब प्रशासन बाढ़–सुरक्षा के कार्य करवाने का दावा कर रहा है, लेकिन जब तक गौला का जलस्तर कम नहीं होता तब तक यहां बाढ़ सुरक्षा के कार्य संभव नहीं है।