अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट आज सबसे बहुप्रतीक्षित फैसले पर फैसला सुनाएगी। जिसे सदियों के लिए फैसले का नाम दिया गया है। जिसमें ये तय होगा कि क्या पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभियोजन से मुक्त हैं? बता दें कि 30 मई को ट्रंप को 34 मामलों में दोषी पाया था। भले ही फैसले में ट्रंप के इस दावे को खारिज करने की संभावना हो कि उन्हें अभियोजन से पूर्ण प्रतिरक्षा है। लेकिन यह निर्णय इस बात में महत्वपूर्ण होगा कि क्या 2020 के चुनाव में उनकी हार को पलटने की साजिश रचने के लिए उनका मुकदमा इस साल के चुनाव से पहले आगे बढ़ सकता है, जिसमें वे रिपब्लिकन उम्मीदवार हैं।वहीं डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से नियुक्त किए गए रूढ़िवादी न्यायाधीश नील गोरसच ने अप्रैल में दलीलें सुनने के दौरान कहा था कि, हम सदियों के लिए एक नियम लिख रहे हैं। वहीं एक अन्य न्यायाधीश ब्रेट कैवनघ ने कहा, इस मामले का राष्ट्रपति पद, राष्ट्रपति पद के भविष्य और देश के भविष्य पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
गौरतलब है कि मामले में ट्रंप की मूल सुनवाई की तारीख 4 मार्च थी, जो राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ नवंबर में होने वाले उनके चुनावी मुकाबले से काफी पहले थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट, जिसमें डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से अपने कार्यकाल के दौरान नियुक्त किए गए तीन लोगों समेत रूढ़िवादियों का वर्चस्व है, ने फरवरी में राष्ट्रपति पद की प्रतिरक्षा के लिए उनकी दलील सुनने पर सहमति जताई और मामले को अप्रैल में विचार किए जाने तक के लिए रोक दिया। जिसका साफ मतलब है कि मामले में सुनवाई पहले ही काफी देर हो चुकी है।
हालांकि अदालत की तरफ से यह फैसला सुनाए जाने की संभावना नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप को पूरी तरह से अभियोजन से प्रतिरक्षा प्राप्त है। अप्रैल में हुई बहस के दौरान, न्यायाधीश उनके दावों पर काफी हद तक संशय में दिखे, कुछ ने सवाल उठाया कि क्या इसका मतलब यह है कि राष्ट्रपति “बिना किसी रोक-टोक के अपराध कर सकते हैं। चार आपराधिक मामलों का सामना कर रहे ट्रंप कम से कम चुनाव के बाद तक मुकदमों को टालने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ कर रहे हैं। आशंका जताई जा रही है अगर ट्रंप फिर से चुने जाते हैं, तो जनवरी 2025 में राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद, उनके खिलाफ संघीय मुकदमों को बंद करने का आदेश दे सकते हैं।