भारत और कुवैत ने बुधवार को अपने द्विपक्षीय संबंधों की पूरी समीक्षा और निगरानी के लिए एक संयुक्त आयोग स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय विदेश मंत्री एस जयशंकर और कुवैती विदेश मंत्री अबुदुल्लाह अली अल याह्या के बीच हुई बैठक में लिया गया। मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी बातचीत को उत्पादक बताया और कहा कि इस समझौते से भारत-कुवैत संबंधों को और आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। बता दें कि भारत और कुवैत के बीच रिश्तें को और मजबूती देने और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा के लिए कुवैत के विदेश मंत्री अबदुल्लाह अली अल याह्या अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर मंगलवार को भारत पहुंचे थे।उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को “दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्तियों में से एक” कहा और कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया है, और मुझे यकीन है कि वे इसे जारी रखेंगे। मंत्री अल-याह्या ने कहा कुवैत और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों की जड़ें बहुत पुरानी हैं, जो आपसी मित्रता और सहयोग पर आधारित हैं। इन संबंधों ने कुवैत और भारत के बीच कई मुद्दों पर मजबूत साझेदारी का रूप लिया है।
उन्होंने कहा कि मैं भारतीय नागरिकों के कल्याण के लिए कुवैती नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं। भारत अपने लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए कुवैत के साथ अपने गहरे और ऐतिहासिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत की राजकीय यात्रा पर आए कुवैत के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने भारत को बहुत महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए कहा कि वे भारत-कुवैत संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए तैयार हैं। अपने पहले भाषण में मंत्री अल-याह्या ने विदेश मंत्री का धन्यवाद किया और प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के लिए आभार व्यक्त किया।