भारत सरकार ने आगामी जनगणना 2027 को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। यह जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी और पहली बार इसमें नागरिक स्वयं अपनी गणना कर सकेंगे। इसके लिए एक विशेष वेब पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जो दोनों चरणों के दौरान उपयोग में रहेगा। साथ ही, यह देश की पहली पूर्णत: डिजिटल जनगणना होगी।
डिजिटल माध्यम से आंकड़ों का संग्रह करने के लिए एंड्रॉयड और एप्पल आधारित मोबाइल एप्लिकेशन भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे जनगणना कर्मी घर-घर जाकर डिजिटल रूप में जानकारी एकत्रित कर सकेंगे। नागरिक चाहें तो खुद भी वेब पोर्टल पर अपनी जानकारी दर्ज कर सकेंगे।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहल जनगणना प्रक्रिया को आधुनिक और तेज़ बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। पहली बार आंकड़े डिजिटल रूप में संग्रहित होकर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से सर्वर पर भेजे जाएंगे, जिससे आंकड़ों की प्रोसेसिंग और विश्लेषण पहले की तुलना में कहीं अधिक शीघ्रता से हो सकेगा।
डाटा सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
जनगणना में नागरिकों की गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए कलेक्शन, ट्रांसमिशन और स्टोरेज के हर चरण में उच्चतम स्तर की डाटा सिक्योरिटी व्यवस्था लागू की जाएगी।
चरणबद्ध प्रक्रिया:
• पहला चरण (एचएलओ): 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होगा।
• दूसरा चरण (जनसंख्या गणना – पीई): 1 फरवरी, 2027 से।
इस बार की जनगणना में सदस्यों की जातिगत जानकारी भी एकत्रित की जाएगी।
जनगणना 2027 की संदर्भ तिथियां:
• भारत के अधिकांश हिस्सों के लिए: 1 मार्च, 2027
• हिमालयी व सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए: 1 अक्टूबर, 2026
सरकार का मानना है कि इस तकनीकी पहल से देश की जनसंख्या से जुड़ी योजनाओं, संसाधनों के आवंटन और नीति निर्माण में और अधिक सटीकता और पारदर्शिता आएगी।