Thursday, September 11, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

तहव्वुर राणा के कबूलनामे से उठे कई परदे, लश्कर-ISI की मिलीभगत और पाक सेना की संलिप्तता उजागर

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के हालिया कबूलनामे ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की संयुक्त पूछताछ में राणा ने न सिर्फ अपनी भूमिका स्वीकारी है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI, और पाक सेना से जुड़ी कई अंदरूनी जानकारियां भी साझा की हैं।
पूछताछ में राणा ने बताया कि वह हमलों के मास्टरमाइंड डेविड हेडली को मुंबई के मुख्य टारगेट्स की पहचान कराने में मदद कर चुका था। राणा के अनुसार, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस जैसे स्थलों की रेकी में उसकी अहम भूमिका रही।

पाकिस्तानी सेना और हेडली से संबंध

राणा ने कबूला कि वह पाकिस्तानी सेना में 1986 से कैप्टन डॉक्टर के रूप में कार्यरत था और सिंध, बलूचिस्तान, बहावलपुर, सियाचिन जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में उसकी पोस्टिंग हुई। सियाचिन में पल्मोनरी एडिमा नामक बीमारी के चलते वह ड्यूटी पर नहीं जा सका और बाद में भगोड़ा घोषित कर दिया गया।
राणा ने दावा किया कि हेडली ने उसे भरोसा दिलाया था कि वह उसका सैन्य रिकॉर्ड साफ करवा देगा, और इसी कारण वह साजिश में शामिल हुआ। उसने यह भी बताया कि पाकिस्तानी सेना ने उसे खाड़ी युद्ध के दौरान सऊदी अरब में एक गुप्त मिशन पर भी भेजा था।

हेडली से गहरा संबंध और लश्कर की जानकारी

राणा और हेडली की मुलाकात 1974-79 में हसन अब्दाल कैडेट कॉलेज में हुई थी। राणा ने बताया कि हेडली ने 2003-04 में लश्कर के तीन ट्रेनिंग कैंप्स में भाग लिया और बताया कि यह संगठन एक जासूसी नेटवर्क की तरह काम करता है, न कि केवल वैचारिक आतंकी संगठन की तरह।

भारत में नेटवर्क और फर्जी दस्तावेज

एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, हेडली ने भारत में एक इमीग्रेशन लॉ सेंटर नाम की कंपनी की आड़ में दिल्ली, मुंबई, जयपुर, पुणे, गोवा, पुष्कर जैसे शहरों में रेकी की थी। राणा ने क्राइम ब्रांच को बताया कि यह कंपनी उसका विचार था, जिसे एक महिला संचालित करती थी और इसका कार्यालय आतंकवादियों की निगरानी में इस्तेमाल होता था।
उसने स्वीकार किया कि वह नवंबर 2008 में मुंबई आया और हमलों से ठीक पहले पवई के एक होटल में 20-21 तारीख को रुका था, फिर दुबई होते हुए बीजिंग चला गया। राणा ने यह भी कहा कि उसने हेडली के लिए फर्जी दस्तावेजों की व्यवस्था की और भारतीय वीज़ा प्राप्त करने में मदद की।
ISI और पाक अधिकारियों के नाम
राणा ने पूछताछ में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और लश्कर-ए-तैयबा के साथ सक्रिय समन्वय की बात मानी है। उसने साजिद मीर, अब्दुल रहमान पाशा और मेजर इकबाल जैसे अधिकारियों को पहचानने और जानने की बात स्वीकारी है, जिन पर हमले की योजना में प्रमुख भूमिका निभाने का आरोप है।
जांच एजेंसियों की निगरानी तेज
एनआईए द्वारा दायर 405 पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में राणा की भूमिका की पुष्टि 14 गवाहों ने की है। एजेंसियां अब राणा की कबूलनामे को आधार बनाकर लश्कर और ISI के भारत-विरोधी नेटवर्क पर और गहराई से जांच कर रही हैं।

Popular Articles