भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाकर ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor News) को अंजाम दिया। इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं की भागीदारी रही। यह 2019 में बालाकोट ऑपरेशन के बाद से भारत द्वारा किया गया सबसे बड़ा सीमा पार सटीक हमला है।
भारत ने इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक और लंबी दूरी के हमलावर हथियारों का इस्तेमाल किया। इनमें स्कैल्प (SCALP) क्रूज मिसाइल, हैमर प्रिसिज़न बम और लोइटरिंग म्यूनिशन शामिल थे।
इस मिसालइ को ब्रिटेन में स्टॉर्म शैडो के नाम से जाना जाता है। फ्रांसीसी-ब्रिटिश लंबी दूरी की, कम दृश्यता वाली हवा से जमीन पर मार करने वाली क्रूज मिसाइल है। इसे यूरोपीय रक्षा कंपनी MBDA द्वारा बनाया गया है। यह भारत के 36 राफेल जेट्स का हिस्सा है।
हैमर स्मार्ट बम का इस्तेमाल लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के बंकरों और बहुमंजिला इमारतों जैसे मजबूत ढांचे पर हमला करने के लिए किया गया। हैमर एक सटीक-निर्देशित, स्टैंडऑफ म्यूनिशन है जो लॉन्च की ऊंचाई के आधार पर 50-70 किलोमीटर की दूरी पर लक्ष्य पर हमला करने में सक्षम है।
लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकोज ड्रोन्स भी कहा जाता है। यह एक अनमैन्ड एरियल हथियार है और इसकी यह खासियत है कि अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन क ठिकाने को तबाह कर देते हैं।
यह ड्रोन हमला करने में काफी सटीक होते हैं और लोइटरिंग म्यूनिशन को एक ही बार इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह अपने टारगेट के साथ ही फटकर तबाह हो जाते हैं। आत्मघाती ड्रोन्स का पहली बार इस्तेमाल साल 1980 में हुआ था, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में इसके इस्तेमाल में इजाफा हुआ।
यमन, इराक, सीरिया और यूक्रेन की लड़ाई में इन ड्रोन्स का खूब इस्तेमाल हुआ था और साल 2021 में व्यापारिक जहाजों को भी आत्मघाती ड्रोन्स से निशाना बनाया गया था।।