सऊदी अरब में इस साल हज के लिए 15 लाख से ज्यादा विदेशी पहुंचे हैं। हज मंत्रालय के प्रवक्ता गस्सान अल-नुवैमी ने बुधवार को विदेशियों के पहुंचने की अनुमानित संख्या बताई। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि सऊदी अरब से कितने जायरीन हज में भाग ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल 1,611,310 विदेशी हज यात्रा के लिए सऊदी पहुंचे थे।
हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। यह मुसलमानों का एक धार्मिक दायित्व है, जिसमें अनुष्ठान और पूजा-पाठ शामिल है। जो लोग शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें जिंदगी में एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए।
हज मंत्रालय के अनुसार, बुधवार को अराफात में हाजियों का तांता लगा रहा। कुछ लोग 40 डिग्री तापमान में अपना सामान लेकर पैदल यात्रा करते दिखाई दिए। इसके अलावा, कुछ लोग बुजुर्गों की मदद कर रहे थे। हज मंत्रालय के प्रवक्ता अल-नुवैमी ने बताया कि कुछ लोग थक कर जमीन पर बैठ गए। कुछ आराम कर रहे थे और कुछ खाना खा रहे थे। इसके बाद वह अपने शिविरों की ओर बढ़े।
माउंट अराफात मक्का के दक्षिण-पूर्व में एक पहाड़ी है, जो इस्लाम में बहुत पवित्र मानी जाती है। अराफात का उल्लेख कुरान में किया गया है। माना जाता है कि यहीं पर पैगंबर मुहम्मद ने अपने अंतिम हज के दौरान आखिरी उपदेश दिया था। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, अराफात का दिन साल का सबसे पवित्र दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन खुदा अपने वफादारों के करीब आते हैं और उनके पापों को माफ करते हैं।
हाजी आधी रात से लेकर सूरज डूबने तक अराफात में दुआ और ध्यान करते हैं। बृहस्पतिवार को सूरज डूबने के बाद, हाजी मुजदलिफा के रेगिस्तान में जाएंगे, जहां वे कंकड़ इकट्ठा करेंगे। इन कंकड़ों का उपयोग वे एक अनुष्ठान में करेंगे।
सऊदी अरब ने हज के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा उपायों पर अरबों डॉलर खर्च किए हैं। हालांकि, इतनी बड़ी भीड़ में सबकी सुरक्षा सुनिश्चित करना मुश्किल होता है। हाल के वर्षों में हज में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक गर्मी रही है। इस सप्ताह की शुरुआत में स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुलरहमान अल-जलाजेल ने बताया कि इस बार गर्मी से बचाव के लिए 10,000 पेड़ लगाए गए हैं। अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है और पैरामेडिक्स की संख्या भी तीन गुना कर दी गई है।