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सोना, सेंसेक्स और सर्किल रेट ने तोड़े सात साल के सभी रिकॉर्ड: निवेशकों के लिए बने फायदे के सौदे

नैनीताल।
धनतेरस और दीपावली का मौसम सिर्फ खरीदारी का पर्व नहीं, बल्कि निवेश का सुनहरा अवसर भी बन चुका है। पिछले सात वर्षों में सोना, जमीन और शेयर बाजार (सेंसेक्स)—तीनों ने रिकॉर्ड तोड़ उछाल दर्ज किया है।
जहां सोने की कीमत 37,500 रुपये से बढ़कर 1.23 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई, वहीं नैनीताल रोड पर जमीन के सर्किल रेट 22 हजार से बढ़कर एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर तक जा पहुंचे।
सेंसेक्स ने भी इस अवधि में लगभग दोगुनी छलांग लगाई, जिससे शेयर बाजार में निवेश करने वालों की किस्मत चमक उठी।

सोना: 37,500 से 1.23 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम
बीते सात वर्षों में सोने की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।
• 2018 में कीमत: ₹37,500 प्रति 10 ग्राम
• 2019 में: ₹38,500
• 2020 में: ₹51,440 (रिकॉर्ड उछाल)
• 2021 में: ₹48,065 (थोड़ी गिरावट)
• 2022 में: ₹51,000
• 2023 में: ₹61,000
• 2024 में: ₹79,000
• 2025 में: ₹1,23,300 प्रति 10 ग्राम
यानी, सात वर्षों में 311% से अधिक की बढ़त दर्ज की गई।
सोना महंगा होने के बावजूद इसकी मांग बनी हुई है।
सराफा कारोबारियों के मुताबिक, “लोग अब भी सोने को सुरक्षित निवेश और पारिवारिक परंपरा से जुड़े भावनात्मक मूल्य के रूप में देख रहे हैं।”

सर्किल रेट: 22 हजार से बढ़कर एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर
जमीन की कीमतों में भी सात साल में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है।
2018 में नैनीताल रोड का सर्किल रेट ₹22,000 प्रति वर्ग मीटर था, जो
• 2020 में ₹40,000,
• 2023 में ₹50,000,
• और अब 2025 में ₹75,000 से ₹1,00,000 प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गया है।
यह 53 हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की वृद्धि है।
रियल एस्टेट विशेषज्ञों के अनुसार, मांग, विकास परियोजनाओं और आर्थिक सुधारों ने जमीन की कीमतों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
रजिस्ट्रार कार्यालयों के आंकड़े बताते हैं कि उच्च दरों के बावजूद खरीद-बिक्री में कमी नहीं आई।

सेंसेक्स: सात साल में लगभग दोगुना उछाल
शेयर बाजार में भी निवेशकों की चांदी रही।
2018 में सेंसेक्स 38,989 अंकों पर था, जबकि
• 2019 में 41,253,
• 2020 में 47,751,
• 2021 में 58,253,
• 2022 में 60,840,
• 2023 में 72,240,
• 2024 में 78,139,
• और 2025 में 81,790 अंकों के स्तर तक पहुंच गया।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और निवेशक विश्वास का संकेत है।
शेयर मार्केट में दीर्घकालिक निवेश करने वालों को इस दौरान शानदार रिटर्न मिला है।

विशेषज्ञों की राय
राजेश अग्रवाल, सराफा कारोबारी:
“सोना महंगा जरूर हुआ है, लेकिन यह अब भी लोगों की प्राथमिक पसंद बना हुआ है। भले ही डिमांड में 35–40% की गिरावट आई हो, लेकिन निवेशक सोने को भविष्य की सुरक्षा मानकर खरीद रहे हैं। जमीन की खरीद-बिक्री में भी स्थिरता बनी हुई है।”
पंकज गुप्ता, शेयर बाजार विशेषज्ञ:
“जमीन और सोना उपभोग की वस्तुएं हैं, जबकि सेंसेक्स देश की आर्थिक सेहत को दिखाता है। जब देश की क्रय क्षमता बढ़ती है, तो सेंसेक्स भी ऊपर जाता है। पिछले सात वर्षों में बाजार का रुख यही दर्शाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है।”

पिछले सात वर्षों ने साबित कर दिया है कि सोना, जमीन और शेयर बाजार—तीनों में निवेश लंबे समय के लिए फायदे का सौदा साबित हुए हैं।
धनतेरस और दीपावली के इस निवेश सीजन में विशेषज्ञों की सलाह है कि बैलेंस्ड पोर्टफोलियो पर ध्यान दें — थोड़ा सोना, कुछ जमीन, और सही समय पर शेयर बाजार में निवेश — यही निवेशकों को स्थायी समृद्धि की राह पर ले जा सकता है।

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