प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद आतंकवाद के सरगना पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कारवाई के लिए भारत की तीनों सेनाओं को खुली छूट दे दी है।
पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद देश में उपजे आक्रोश के बीच मंगलवार को प्रधानमंत्री ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, सीडीएस तथा तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई शीर्षस्थ बैठक में मोदी ने सैन्य बलों को किसी भी तरह की कार्रवाई करने की हरी झंडी दे दी। भारतीय सेना अब कार्रवाई का समय और टारगेट अपने हिसाब से तय करेगी।
केंद्र सरकार के सूत्रों ने बैठक के बाद बताया कि प्रधानमंत्री ने इस उच्चस्तरीय रणनीतिक बैठक में देश की सेनाओं की सामरिक क्षमता में संपूर्ण भरोसा जताते हुए कहा कि आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा दृढ़ राष्ट्रीय संकल्प है।
सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई किए जाने के विकल्पों पर सैन्य नेतृत्व से चर्चा करते हुए कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौनसे हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है।
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में रक्षामंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सीडीएस जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह तथा नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी मौजूद थे। अब संदेह नहीं कि पाकिस्तान पर सख्त सैन्य कार्रवाई की उलटी गिनती शुरू हो गई है।
सैन्य बलों को सामरिक कार्रवाई की हरी झंडी देने के साथ ही इस बैठक में पीएम ने जम्मू-कश्मीर समेत देश की सीमाओं की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने आतंकवादी संगठनों तथा उसके सरपरस्त पाकिस्तान के खिलाफ उठाए जाने वाले सामरिक-रणनीतिक विकल्पों पर गंभीर मंत्रणा की। ध्यान रहे कि बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के साथ-साथ कैबिनेट पर सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक भी होनी है।
इससे भी अटकलें तेज हो गई है कि कार्रवाई जल्द हो सकती है। पहलगाम हमले के बाद सीसीएस की यह दूसरी बैठक होगी। महत्वपूर्ण यह भी है कि इन दोनों बैठकों के साथ ही कैबिनेट की राजनीतिक मामलों और आर्थिक मामलों की समिति की भी अलग-अलग बैठकें बुलाई गई है।
सीसीएस के साथ सीसीपीए और सीसीई यानि कैबिनेट की तीन सबसे प्रमुख समितियों की एक ही दिन बैठक बुलाया जाना साफ इशारा कर रहा है कि सरकार बड़े निर्णायक कदम उठाने से पहले सामरिक, राजनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर अपनी तैयारियों को चाक-चौबंद करने में जुटी है। सीसीपीए की बैठक में पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर भी फैसला लिया जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में सीधे-सीधे पाकिस्तान की भूमिका है इसमें दुनिया को भी कोई संदेह नहीं रह गया।पहलगाम आतंकी हमले को देखते हुए भारत की सैन्य कार्रवाई की आशंका से परेशान पाकिस्तानी रक्षामंत्री ने तीन दिन पहले खुद ही स्वीकार किया था कि अमेरिका और पश्चिम के लिए आतंकवाद को पोषित करने का गंदा काम वह कई दशकों से कर रहा है।