न्यूयॉर्क: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बढ़ते मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कड़ा रुख अपनाया। 80वें यूएन दिवस के अवसर पर आयोजित खुली बहस में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान को अवैध रूप से कब्जाए इलाकों में जारी दमन और शोषण को तत्काल रोकना चाहिए।
हरीश ने बताया कि हाल के दिनों में पीओके में बुनियादी मांगों को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जिन्हें पाकिस्तान की सेना ने बेरहमी से कुचल दिया। इस दौरान कई लोगों की जान गई और स्थानीय जनता पर अत्याचार के मामलों में वृद्धि हुई।
भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान को लगाई कड़ी लताड़
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने बयान में हरीश ने कहा, “हम मांग करते हैं कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जाए इलाकों में जारी मानवाधिकार उल्लंघन तुरंत बंद करे। वहां की जनता पाकिस्तानी सेना के कब्जे, शोषण, निर्दयता और प्राकृतिक संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुलकर विरोध कर रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि “जम्मू-कश्मीर हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा। यहाँ के लोग भारत की लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार अपने मौलिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं। ये बातें पाकिस्तान के लिए अजूबा हैं।”
संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग भी उठी
हरीश ने न केवल पीओके में हालात पर ध्यान आकर्षित किया, बल्कि संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्थापित यह संस्था अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की उम्मीद थी, लेकिन आज ग्लोबल साउथ की जरूरतों का पर्याप्त और लोकतांत्रिक समाधान नहीं कर पा रही।
उन्होंने कहा, “विश्वसनीय अंतरराष्ट्रीय सहयोग को समाज सेवा और विकास के नजरिए से देखा जाना चाहिए। ग्लोबल साउथ के नागरिकों के लिए संसाधन और तकनीक तक पहुंच सीमित है। ऐसे उपाय जो विकास और खुशहाली को वैश्विक नजरिए से नहीं देखते, न तो टिकाऊ हैं और न ही नैतिक रूप से सही।”
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की कड़ी चेतावनी
पीओके के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाकर भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की कार्रवाई केवल स्थानीय जनता के लिए खतरा नहीं, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए भी चुनौती है। भारतीय प्रतिनिधि का यह कड़ा बयान वैश्विक समुदाय को याद दिलाता है कि अवैध कब्जे वाले इलाकों में मानवाधिकारों का हनन अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुका है।
संयुक्त राष्ट्र में गूंजा पीओके का मुद्दा, अवैध कब्जे वाले इलाकों में मानवाधिकार उल्लंघन बंद करे इस्लामाबाद


