देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 11 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें प्रदेश की पहली योग नीति 2025 और नई मेगा इंडस्ट्रियल व इन्वेस्टमेंट पॉलिसी प्रमुख हैं।
स्थानीय फर्मों को प्राथमिकता:
सरकारी विभागों में 10 करोड़ रुपये तक के कार्य अब स्थानीय व्यक्तियों और पंजीकृत फर्मों को ही दिए जाएंगे। पहले यह सीमा 5 करोड़ थी। साथ ही स्वयं सहायता समूहों व एमएसएमई इकाइयों को भी प्राथमिकता दी जाएगी।
योग नीति 2025 के प्रमुख बिंदु:
- जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी व कोली ढेक को योग हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
- पर्वतीय क्षेत्रों में योग निवेश पर 50% तक व मैदानी क्षेत्रों में 25% तक सब्सिडी मिलेगी।
- करीब 13,000 रोजगार सृजित होंगे।
- 2500 योग शिक्षक सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे और 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे व होटल क्षेत्रों में काम मिलेगा।
- योग व प्राकृतिक चिकित्सा में शोध के लिए ₹1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी की झलक:
- बड़े उद्योगों को 10% से 20% तक पूंजीगत अनुदान मिलेगा।
- यह सहायता उद्योग के वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने के बाद 8 से 15 साल तक किस्तों में दी जाएगी।
- भूमि खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में 50% तक की छूट (अधिकतम ₹50 लाख तक)।
- पहाड़ी क्षेत्रों में अतिरिक्त पूंजीगत सहायता भी दी जाएगी।
सेवा क्षेत्र नीति में संशोधन:
देहरादून, मसूरी, ऋषिकेश, मुनि की रेती और नैनीताल जैसे विकसित क्षेत्रों में अब सेवा क्षेत्र में निवेश पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र को राहत:
राज्य आयुष्मान योजना के अंतर्गत गोल्डन कार्ड धारकों के इलाज में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए 75 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की गई है। यह राशि स्वास्थ्य विभाग को ऋण रूप में दी जाएगी।
तीमारदारों के लिए विश्रामगृह:
देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेजों के पास तीमारदारों के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से विश्रामगृह बनाए जाएंगे। सरकार इसके लिए भूमि उपलब्ध कराएगी और न्यूनतम दरों पर आवास-भोजन की सुविधा दी जाएगी।